पश्चिम बंगाल सरकार ने पंचायत चुनाव के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथी परिवार के एक-एक व्यक्ति को होमगार्ड में नौकरी देने का एलान किया है। इसके साथ ही केंद्र पर उठाए सवाल, पूछा- जब मणिपुर जल रहा था, तो कहां थी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस को कार्रवाई के लिए खुली छूट देने की बात कही।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को घोषणा की कि चुनावी हिंसा में जिन 19 लोगों की मौत हुई है, उन्हें 2-2 लाख रुपये मुआवजा और एक स्पेशल होम गार्ड की नौकरी दी जाएगी। इनमें टीएमसी के 10 लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा, हम पार्टी के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे जो मारे गए हैं, उनके परिजनों को सरकार की ओर से मुआवजा और नौकरी दी जाएगी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, बंगाल पुलिस को हिंसा के पीछे लोगों खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दे रही हूं। पुलिस खुल कर हिंसा करने वालों खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने कहा, हिंसा को बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ग्रामीण चुनाव 71,000 बूथों पर हुए, लेकिन हिंसा की घटनाएं 60 से अधिक नहीं हुईं।
जब मणिपुर जल रहा था तो कहां थी फैक्ट फाइंडिंग टीम
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, जब मणिपुर जल रहा था तब फैक्ट फाइंडिंग टीम कहां थी। जब एनआरसी के कारण असम जल रहा था तो यह टीम कहां थी? कितने आयोगों ने इन स्थानों का दौरा किया? जबकि दो वर्षों के अंदर करीब 154 टीमों ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया है। उन्होंने कहा, ये भाजपा उकसाने वाली समितियां हैं, फैक्ट फाइंडिंग समितियां नहीं।