लखीमपुर खीरी हिंसा मामले सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि स्टेटस रिपोर्ट पहले फ़ाइल किया जाना चाहिए था। देर रात क्यों फ़ाइल हुआ? मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे से कहा, “हमने कल रात 1 बजे तक इंतजार किया कि हमें सामग्री मिल जाएगी।” मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “अगर इसे अंतिम समय में दायर किया जाता है तो हम इसे कैसे पढ़ सकते हैं? कम से कम इसे एक दिन पहले दाखिल करें।”
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इस पर यूपी सरकार की तरफ से सुनवाई शुक्रवार तक टालने की गुजारिश की गयी जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम शुक्रवार, शनिवार नहीं सुनेंगे, रिपोर्ट अभी पढ़ेंगे। कोर्ट ने पूछा कि आपने अभी तक महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ क्यों नहीं की है।
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साल्वे ने कहा कि कुल 10 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई है। एक किसानों की मौत के मामले में और दूसरा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में। यूपी सरकार ने बताया कि किसानों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है, पुलिस अभी मामले में जांच कर रही, क्योंकि वहां पर भारी तादात में किसान मौजूद थे, इसलिए यह नहीं पता किसने क्या किया।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 10 लोगो में से कितने लोग पुलिस कस्टडी में है और कितने न्यायिक हिरासत में है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से साल्वे ने बताया कि चार लोग पुलिस कस्टडी में है। हमने पुलिस कस्टडी मांगी थी, तीन की कस्टडी मिली थी। अब तक 16 वीडियो सामने आए हैं।
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कोर्ट ने मामले के गवाहों को उचित सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। इसके बाद सरकार ने जांच से जुड़ी और डिटेल बताने के लिए और समय मांगा है और अब मामले की अगली सुनवाई 26 तारीख को होगी। कोर्ट ने कहा कि जो कुछ भी कोर्ट में फ़ाइल करना है, सुनवाई के दिन से पहले फ़ाइल होनी चाहिए।