नई दिल्ली। भारत ने पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य तय वक्त से 5 महीने पहले हासिल कर लिया है। कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 तक इस आंकड़े को दोगुना करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
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प्रधानमंत्री ने रविवार को कहा कि भारत ने पेट्रोल में 10 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गन्ने और अन्य कृषि जिंसों से निकाले गए इथेनॉल को पेट्रोल में 10 फीसदी मिलाने का लक्ष्य पूरा करने का समय नवंबर 2022 तक का था, लेकिन इसे जून, 2022 में ही हासिल कर लिया गया है। इस आंकड़े को वित्त वर्ष वित्त वर्ष 2025-26 तक 20 फीसदी करने का लक्ष्य है।
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आधिकारिक बयान के मुताबिक पेट्रोल में 10 फीसदी इथेनॉल मिलाने से 41,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जन में 27 लाख टन की कमी आई और किसानों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक का तत्काल भुगतान भी हुआ है। भारत दुनिया में अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ और चीन के बाद 5वां सबसे बड़ा इथेनॉल का उत्पादक है।
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उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार से कच्चे तेल का आयात घटाने और पेट्रोल की कीमत कम करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां देशभर में पेट्रोल में औसतन 10 फीसदी इथेनॉल को मिला रही हैं। देश में (10 फीसदी इथेनॉल, 90 फीसदी पेट्रोल) पेट्रोल पंपों पर मिल रहा है। ऐसा सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के प्रयासों के चलते संभव हो सका है।