25 मई 2024 का दिन गुजरात के लिए काला दिन साबित हुआ, जब राजकोट का टीआरपी गेमिंग जोन धू-धू कर जल उठा। आग की लपटें, धुंआ और भगदड़ के बीच 12 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई। इस अग्निकांड के बाद जमकर राजनीति भी हो रही है। गुजरात कांग्रेस ने नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों और भाजपा के पदाधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
गुजरात कांग्रेस प्रमुख का यह बयान ठीक ऐसे समय में आया है, जब इस मामले में सरकार ने सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया। कांग्रेस का आरोप है कि इस मामले में सिर्फ कनिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। गोहिल ने कहा ‘इससे पहले राजकोट के महापौर, कलेक्टर और नगर आयुक्त समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने गेमिंग जोन का दौरा किया था। अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी डालीं थीं। ऐसे में सरकार सिर्फ कनिष्ठ अधिकारियों पर ही क्यों कार्रवाई कर रही है?’ इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा फेसबुक पर शेयर की गईं तस्वीरों को भी साझा किया। इनमें से कुछ तस्वीरों में नगर निगम के पूर्व महापौर प्रदीप दवे समेत भाजपा के कुछ पदाधिकारियों को देखा जा सकता है। गोहिल ने दावा किया कि कुछ तस्वीरों में भाजपा के पूर्व विधायक अरविंद रेयानी और कुछ अन्य भाजपा नेताओं को भी देखा गया है।
वरिष्ठ अधिकारियों पर हो कार्रवाई- कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस मामले में कनिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ अधिकारियों और भाजपा के पदाधिकारियों पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि आखिर कैसे इतने बड़े गेमिंग जोन को अवैध रूप से चलाया जा रहा था? उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि गुजरात उच्च न्यायालय ने सरकार से बार-बार ऐसे स्थानों पर अग्नि सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा था।