कर्नाटक के वरिष्ठ पत्रकार और लेखक एमएस प्रभाकर का गुरुवार को निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। प्रभाकर कन्नड़ साहित्य में ‘कामरूपी’ उपनाम से प्रसिद्ध थे। सूत्रों ने बताया कि प्रभाकर ने कर्नाटक के कोलार में अपने निवास पर अंतिम सांस ली। वह आयु संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। प्रभाकर जीवनभर अविवाहित रहे। उनका शव एमएस रमैया अस्पताल को दान कर दिया गया।
एमएस प्रभाकर गुवाहाटी विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के शिक्षक रह चुके थे और लगभग चार दशक तक पत्रकार के रूप में काम किया था। वह अपने साहित्यिक लेखन के लिए जाने जाते थे। प्रभाकर कन्नड़ साहित्य में अपने एक संग्रह से मशहूर हुए। उनके कन्नड़ उपन्यास ‘Kudure Motte’ के लिए उन्हें कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था