भारत में पहला बिटक्वाइन घोटाला सामने आया है, जिसे एक 25 वर्षीय छात्र ने अंजाम दिया है।
श्रीकृष्ण रमेश उर्फ़ सिर्की पर आरोप है कि उन्होंने बिटक्वाइन एक्सचेंज, पोकर गेम वेबसाइट और कर्नाटक सरकार के ई-शासन विभाग की ई-ख़रीद वेबसाइटों को हैक किया है।भारत में बिटक्वाइन घोटाला
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पुलिस को दिए गए इक़बालिया बयान में सिर्की ने कहा है कि उन्होंने साल 2015 में हॉन्ग कॉन्ग के बिटफ़ाइनेक्स क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज को हैक कर लिया था।
ग़ौरतलब है कि इस एक्सचेंज से अगस्त 2016 में 1,19,756 बिटक्वाइन चोरी हो गए थे। इससे एक साल पहले ही सिर्की ने इसे हैक कर लिया था।
चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में सिर्की ने स्वीकार किया है कि उन्होंने चौथी क्लास से ही हैकिंग सीखना शुरू कर दी थी और बाद में साइबर अपराधों में यह उनके काम आई।
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उनका कहना है कि चौथी क्लास से दसवीं क्लास के बीच वह ब्लैकचैट हैकरों के समूह से जुड़े, जहां उन्होंने हैकिंग करने और फिर इससे पैसा कमाने के तरीक़े सीखे।
इसके बाद श्रीकृष्णा ने बेंगलुरु के एक कॉलेज से पढ़ाई की और फिर वह नीदरलैंड्स चले गए।
कृष्णा का दावा है कि उनका अपना कोई बैंक अकाउंट नहीं है और पश्चिम बंगाल के उनके दोस्त रोबिन खंडेलवाल उनके पैसों का हिसाब रखते थे।
कृष्णा का दावा है कि वो हॉन्ग कॉन्ग की बिटक्वाइन एक्सचेंज बिटफाइनेक्स को हैक करने वाले पहले लोगों में शामिल हैं। उनका कहना है कि उन्होंने यहां से दो हज़ार बिटक्वाइन चुराए थे। उस समय एक बिटक्वाइन की क़ीमत सौ 100 दो 200 डॉलर तक थी। उनका कहना है कि उन्होंने लग्ज़री होटलों में रहकर ये पैसा उड़ा दिया।
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इससे पहले सिर्की का नाम चर्चा में तब आया था जब वह नवंबर 2020 में डार्कनेट के ज़रिए मंगाए गए ड्रग्स के साथ पकड़े गए थे।
ड्रग केस की पूछताछ के दौरान ही उन्होंने अपनी हैकिंग कुशलता और लाइफ़स्टाइल के बारे में बताया था।
कर्नाटक के कांग्रेसी नेताओं ने राज्य की बीजेपी सरकार और नेताओं पर देश के इस पहले बिटक्वाइन घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाए है।