रूस के यूक्रेन पर हमले की ख़बरों और आशंकाओं के बीच पश्चिमी देशों की कार्रवाई का असर दिखना शुरू हो गया है, अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वह ‘राजनयिक समाधान’ के लिए तैयार हैं.
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उन्होंने कहा यूक्रेन पर पश्चिम के साथ बढ़ते तनाव के बीच मॉस्को ‘राजनयिक समाधान’ खोजने के लिए तैयार है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ‘रूस के हित और हमारे नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.’ माना जा रहा है कि रूस पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण दबाव में है. खुद को चौतरफा घिरता हुआ देखने के बाद पुतिन ने राजनयिक समाधान की बात कही है. इससे पहले भी मामले में ना केवल अमेरिका बल्कि कई पश्चिमी देशों और यहां तक कि खुद यूक्रेन की तरफ से बातचीत का प्रस्ताव रखा गया था. जिसपर रूस चुप्पी साधे रहा.
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पुतिन ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्सों को मान्यता देने के बाद सेना भेजने का आदेश भी दिया, जिसके बाद नाटो सतर्क हो गया है. उसका कहना है कि रूस पूर्वी यूरोप के देशों पर इसी तरह कब्जा कर सोवियत संघ के समय को वापस लाना चाहता है. रूस के कदम का सभी देशों ने विरोध किया है. कुछ देर बाद ही अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान सहित तमाम देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए. अब पुतिन के बयान से लगता है कि वह इन प्रतिबंधों के आगे झुक रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं.
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