भाकपा (माले) ने मांग की है कि पैगम्बर विवाद खड़ा करने वाले भाजपा नेताओं, जो सरकार की नजर में हाशिए के तत्व हैं, को सरकार जेल भेजे और अशोभनीय टिप्पणी का विरोध करने वाले निर्दोष लोगों का उत्पीड़न रोके।
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राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि पैगम्बर पर टिप्पणी को लेकर जारी विवाद में भाजपा सरकार का रवैया दमनकारी और दोहरे मानदंडों वाला है। पीएम सहित शीर्ष भाजपा नेताओं की चुप्पी हैरत में डालने वाली है, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और देशभर में इसका प्रतिवाद हो रहा है।
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माले नेता ने कहा कि इसका जिम्मेदार भाजपा और उसकी सरकार है। अशोभनीय टिप्पणी करने वाले जिन नेताओं को वह हाशिए का तत्व बताकर मामले को हल्का बनाना चाहती है, दरअसल वे भाजपा की मुख्य धारा के नेता हैं। भारतीय सामानों के बहिष्कार की अरब देशों की चेतावनियों से अपने प्रिय कारपोरेट घरानों के आर्थिक हितों को पहुंचने वाले नुकसान को देखकर भाजपा ने अपने दोनों नेताओं – नूपुर शर्मा व नवीन जिंदल का निलंबन-निष्कासन तो किया, मगर सरकार ठोस कार्रवाई करने से बच रही है। सिर्फ मुकदमा दर्ज कर वह चुप है और दोषी नेताओं को जेल नहीं भेजना चाहती। जबकि शिकायत व प्रतिवाद करने वाले अल्पसंख्यकों के विरुद्ध न सिर्फ एफआईआर दर्ज हो रहे हैं, बल्कि उन्हें जेल तक भेजा जा रहा है।
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माले नेता ने कहा कि शर्मा, जिंदल पर कार्रवाई के क्रम में उचित होगा कि सांप्रदायिक उन्माद भड़काने और एक समुदाय के खिलाफ नफरती बयान दे-देकर अपना कैरियर बनाने वाले भाजपा नेताओं की समीक्षा की जाए और उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो।