कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त विशेषज्ञ समिति के पास अदाणी मुद्दे के सभी पहलुओं की जांच करने का अधिकार हीनहीं है और यह सरकार के लिए केवल ‘क्लीन चिट’ समिति साबित होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच ही मामले की सच्चाई को सामने ला सकती है। पार्टी की ‘हम अदाणी के हैं कौन’ शृंखला के तहत पूछे गए सवालों की कुल संख्या 100 पर पहुंचने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अदाणी समूह के मामले में जेपीसी गठित करने की मांग पर कोई ‘सौदा’ नहीं हो सकता।
कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि सरकार चाहती है कि विपक्ष जेपीसी की मांग वापस ले ले जिसके एवज में वह राहुल गांधी से माफी की मांग वापस ले लेगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हम जेपीसी की मांग को लेकर कोई सौदा करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी से माफी की मांग निराधार है क्योंकि उन्होंने ब्रिटेन में ऐसा कुछ बयान ही नहीं दिया जिसके लिए उन्हें माफी मांगने की जरूरत पड़े। कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी के मामले का और अदाणी समूह से जुड़े मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी की मांग का आपस में कोई संबंध नहीं है।
जयराम रमेश ने कांग्रेस की ‘हम अदाणी के हैं कौन’ शृंखला का 100वें सवाल के साथ किया समापन
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा ने पहले राहुल गांधी के बयान को विकृत किया, फिर बदनाम किया और अब इसके सहारे वह अदाणी मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, हमने अदाणी महाघोटाले में आपकी स्पष्ट मिलीभगत को लेकर 5 फरवरी 2023 से अब तक आपसे 99 सवाल पूछे हैं। हम एक अंतिम प्रश्न के साथ इस शृंखला को समाप्त कर रहे हैं कि क्या आप (प्रधानमंत्री) अपने नियंत्रण वाली जांच एजेंसियों का उपयोग राष्ट्रीय हित में करेंगे? रमेश ने कहा कि कांग्रेस जेपीसी की मांग जारी रखेगी।
कांग्रेस बोली- हमारा सवाल अदाणी से नहीं पीएम और सरकार से
जयराम रमेश ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने जो समिति बनाई वह अदाणी केंद्रित समिति है। हम सवाल अदाणी से नहीं, प्रधानमंत्री और सरकार से कर रहे हैं। इन सवालों के जवाब सुप्रीम कोर्ट की समिति से नहीं मिल सकते। उन्होंने दावा किया, यह घोटाला स्टॉक मार्केट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री की नीयत और नीतियों से संबंधित हैं। हम कह रहे हैं प्रधानमंत्री से कि चुप्पी तोड़िए। सुप्रीम कोर्ट की समिति सरकार को दोषमुक्त करने की कवायद के अलावा कुछ नहीं है। यह क्लीन चिट समिति है।