मध्य प्रदेश के सीधी में आदिवासी व्यक्ति दशमत रावत पर पेशाब करने वाले बीजेपी कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला के पिता ने प्रशासन द्वारा घर तोड़े जाने की घटना पर आपत्ति जताई है. आरोपी के पिता रमाकांत ने कहा कि ”मेरा घर तोड़ दिया गया है, मेरा पूरा परिवार सड़क पर आ गया है.” उन्होंने कहा कि इसमें एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है.
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें प्रवेश शुक्ला आदिवासी दशमत पर नशे में पेशाब करते नजर आ रहे थे. मुख्यमंत्री शिवराज ने घटना की निंदा की और आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई के आदेश दिए. उन्होंने इसके लिए पीड़िता से माफी मांगी और 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया.
प्रवेश की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए उसके घर के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया, जहां उसका परिवार रहता था. द क्विंट से बात करते हुए प्रवेश शुक्ला के पिता ने अपने बेटे की हरकत की निंदा की और कहा कि प्रवेश को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. रमाकांत ने मकान तोड़ने का विरोध किया।
आरोपी के पिता रमाकांत के मुताबिक- “मेरी मां 80 साल की विधवा हैं, हम चार भाई हैं। हमारी बहुएं, पत्नियां और तीन पोतियां हैं। हम कहां जाएं?” द क्विंट से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, “उसने (प्रवेश ने) घर बनाने में एक पैसा भी योगदान नहीं दिया, न ही उसके पास कोई जमीन या संपत्ति है; हमने यह घर अपने पिता/दादाओं की संपत्ति के पैसे से बनाया है। पिता ने कहा कि प्रशासन ने घर न तोड़ने की उनकी गुहार नहीं सुनी.