भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने देश में मरीजों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी दवा कंपनी एबॉट की पाचन-संवर्द्धक दवा डाइजिन जेल का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। इसके बाद एबॉट ने अपने गोवा संयंत्र में निर्मित डाइजिन जेल की कई खेपों को वापस मंगाने की घोषणा भी की है।
डीसीजीआई ने एक पत्र में कहा है कि डाइजिन जेल की मिंट फ्लेवर वाली दो बोतलों के स्वाद और रंग में अंतर पाए जाने की शिकायतें उपभोक्ताओं से मिली थीं। इस बारे में एबॉट इंडिया लिमिटेड और वर्ना इंडस्ट्रियल एस्टेट, गोवा ने नियामक को पत्र लिखकर सूचित किया कि कुछ विनिर्माण खेपों वाली दवा को वापस मंगाया जा रहा है। इसके अलावा उसने गोवा इकाई में डाइजिन जेल के सभी संस्करणों का उत्पादन स्वैच्छिक रूप से बंद करने की जानकारी भी दी थी।
डीसीजीआई पत्र में कहा गया है, 500352D7, 500353D7, 500354D7 और उनकी गोवा सुविधा में निर्मित डिजीन जेल के सभी वेरिएंट का उत्पादन स्वैच्छिक रूप से बंद कर दिया गया है। डीसीजीआई के 31 अगस्त के पत्र में कहा गया है, आक्षेपित उत्पाद असुरक्षित हो सकता है और इसके उपयोग से प्रतिकूल प्रतिक्रिया हो सकती है।
डीसीजीआई ने अपने पत्र में कहा है कि रद्द की गई दवा का इस्तेमाल असुरक्षित हो सकता है और लोगों पर प्रतिकूल असर देखा जा सकता है। इसके साथ ही औषधि नियंत्रक ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को इस दवा के चिकित्सकीय इमाल को बंद करने के बारे में मरीजों को सूचित करने की सलाह भी दी है। अगर किसी तरह का प्रतिकूल असर नजर आता है तो तत्काल उसकी जानकारी देने को कहा गया है।
इस बीच, दवा नियामक निकाय ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को सलाह दी है कि वे अपने मरीजों को दवा का उपयोग बंद करने के लिए सावधानीपूर्वक लिखें और जागरूक करें और उक्त उत्पाद की खपत के कारण उत्पन्न होने वाले किसी भी एडीआर (प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया) की रिपोर्ट करें। इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को इस उत्पाद से जुड़ी प्रतिकूल घटनाओं के किसी भी संदिग्ध मामले की तुरंत रिपोर्ट करें।