ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में एक बेटी ने इच्छा के विरुद्ध शादी की तो माता-पिता नाराज हो गए और परिवार के सदस्यों ने सार्वजनिक रूप से अपनी जीवित बेटी को मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं गुरुवार को उसकी मृत्यु के बाद की रस्में निभाईं।
औल थाना अंतर्गत देमल गांव के मुना मलिक की बेटी दीपांजलि मलिक (20) ने 28 अगस्त को अपने प्रेमी राजेंद्र मलिक (23) से एक मंदिर में शादी की। अपनी बेटी द्वारा उनके निर्णय को अस्वीकार करने से क्रोधित होकर, माता-पिता ने उससे नाता तोड़कर और उसे मृत घोषित करके चरम कदम उठाया।
लड़की के पिता मुना मलिक ने कहा कि हमारी बेटी राजेंद्र के साथ भाग गई। हमने औल पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने हमारी बेटी का पता लगाने के बाद उसे सौंप दिया। लेकिन दीपांजलि ने विद्रोह कर दिया और गांव के मंदिर में राजेंद्र से शादी कर ली। इससे हमें गहरा दुख हुआ और हमारी गरिमा धूमिल हुई। वह अब हमारे लिए मर चुकी है।
आगे बोले कि उसने पूरे परिवार को शर्मसार कर दिया है। हमने सार्वजनिक रूप से यह घोषित करने के लिए पिंडदान किया और ‘दशा भौजी’ (किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद आयोजित होने वाली दावत) का आयोजन किया कि हमारी बेटी हमारे लिए मर गई। हमारा एक सपना था कि हम उसकी शादी किसी उपयुक्त युवा के साथ करें । लेकिन उसने हमारी बात नहीं मानी और हमारी सहमति के बिना शादी कर ली।
वहीं, दीपांजलि ने कहा कि मेरी शादी की उम्र हो गई है। मैंने सही फैसला किया है। हालांकि, दूल्हे के माता-पिता बहू के आने से काफी खुश हैं। राजेंद्र के पिता अनंत मलिक ने कहा कि मेरे बेटे ने कोई गलत काम नहीं किया है। हमने दीपांजलि को अपनी बहू के रूप में खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया है।
केंद्रपाड़ा के मानवाधिकार कार्यकर्ता अमरबारा बिस्वाल ने कहा कि दूल्हा और दुल्हन दोनों वयस्क हैं। 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद अपनी पसंद के अनुसार शादी करने के लिए लड़की के भाग जाने में कुछ भी गलत नहीं है।