अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस अवसर पर अयोध्या में देश भर से लोग जुटेंगे। उद्घाटन कार्यक्रम में देश के हर जाति, धर्म, संप्रदाय, क्षेत्र और वैचारिक धाराओं से जुड़े लोगों को शामिल करने की योजना है। इस बीच, टीएमसी ने साफ किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने की संभावना नहीं है। कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को भी आमंत्रित किया गया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
टीएमसी सूत्रों के मुताबिक, 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम में न तो बनर्जी और न ही पश्चिम बंगाल सरकार या पार्टी का कोई प्रतिनिधि मौजूद रहेगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ‘ममता बनर्जी या टीएमसी के किसी अन्य प्रतिनिधि के अगले महीने अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है। हम राजनीति को धर्म के साथ मिलाने में विश्वास नहीं करते हैं।
इससे पहले, सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था। सीपीआई(एम) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट साझा करते हुए कहा था कि हमारी नीति धार्मिक मान्यताओं और प्रत्येक व्यक्ति के अपने विश्वास को आगे बढ़ाने के अधिकार का सम्मान करना है। धर्म एक निजी पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पार्टी के नेता सीताराम येचुरी समारोह में शामिल नहीं होंगे।
राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा। इस मौके पर 6,000 से अधिक लोगों के भव्य “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह में भाग लेने की उम्मीद है।