बीते तीन महीने से अधिक समय से जारी हिंसा के कारण पश्चिमी एशिया अशांत है। इस्राइल पर आतंकी संगठन हमास के हमलों के बाद इस्राइली सेना (IDF) ने मुंहतोड़ जवाब दिया। गाजा पट्टी पर हमास के ठिकानों को निशाना बना रही इस्राइली सेना के खिलाफ हूती विद्रोहियों ने मोर्चा खोला है। बीते करीब दो महीने में लाल सागर में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों पर निशाना साधा। लाल सागर में हूती विद्रोहियों की सक्रियता के कारण वैश्विक व्यापार पर संकट मंडराने लगा है। भारत ने इसे गंभीरता से लेते हुए 17 जनवरी को मंत्रियों की बैठक बुलाई है।
17 जनवरी की बैठक में कौन से मंत्रालय शामिल होंगे
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 17 जनरी को अंतर मंत्रालयी समूह की बैठक बुलाई है। व्यापार के भावी रास्तों पर मंथन के लिए बुलाई गई इस बैठक में सुरक्षित और निर्बाध व्यापार के लिए आगे की राह तलाशने का प्रयास किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि विदेश, रक्षा, शिपिंग और वित्त (वित्तीय सेवा विभाग) मंत्रालय के साथ वाणिज्य मंत्रालय गहन विचार-विमर्श करेगा। बता दें कि बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य (Bab-el-Mandeb Strait) इलाके से गुजरने वाले व्यापारिक जहाज हूति विद्रोहियों के निशाने पर हैं। यह लाल सागर और भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ता है।
रास्ता बदलने के कारण सप्लाई में 14 दिनों की देरी, खर्च भी बढ़ा
अमेरिका और इस्राइल सरीखे देशों का आरोप है कि यमन के हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन भी हासिल है। ऐसे में हूती विद्रोहियों की सक्रियता और व्यापारिक जहाजों पर हमलों के कारण शिपिंग मार्ग पर संकट मंडरा रहा है। व्यापारिक नावों की सुरक्षा के मद्देनजर अब केप ऑफ गुड होप (Cape of Good Hope) का रूख करना पड़ा है। इससे परिवहन लागत के साथ-साथ सप्लाई में लगने वाला समय भी अधिक हो गया है। लगभग 14 दिनों की देरी के कारण माल ढुलाई और बीमा लागत बढ़ने की खबरें सामने आई हैं।
पांच मंत्रालयों की बैठक के अलावा आंतरिक रणनीतिक समूह भी गठित
हालात की संवेदनशीलता को भांपते हुए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। 17 जनवर को आहूत बैठक के बारे में अधिकारी ने कहा, बुधवार को अंतर-मंत्रालयी परामर्श आयोजित किया जा रहा है। सरकार वैश्विक व्यापार के तमाम पहलुओं को देखते हुए भावी उपायों पर चर्चा करेगी। वाणिज्य मंत्रालय ने एक आंतरिक रणनीतिक समूह भी गठित किया है। इसमें मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव शामिल हैं। आंतरिक रणनीतिक समूह, भारत में व्यापार को प्रभावित करने वाले वैश्विक मुद्दों पर प्रतिदिन चर्चा करेगा। समूह भारत की प्रतिक्रिया को त्वरित और निर्णायक बनाने के लिए विमर्श के आधार पर एक रणनीति भी तैयार करेगा।