घाटकोपर में हुए हादसे के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मुंबई में होर्डिंग और बिलबोर्ड के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी करने की तैयारी कर ली है। इस काम के लिए आठ विशेषज्ञों के पैनल का गठन किया गया है। इस पैनल का नेतृत्व बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त (शहर) अश्विनी जोशी करेंगे।
विशेषज्ञों की टीम में राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) के पूर्व कर्मचारी राकेश कुमार समेत आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर अवजीत माजी और प्रोफेसर नागेंद्र राव वेलागा, औद्योगिक डिजाइन विभाग के प्रोफेसर श्रीकुमार भी शामिल हैं।
इसके अलावा संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) अनिल कुंभारे, बीएमसी के उपायुक्त (विशेष) किरण दिघवकर और लाइसेंस अधीक्षक अनिल केट को भी पैनल में शामिल किया गया है।
बीएमसी का कहना है कि अब डिजिटल होर्डिंग्स भी नई चुनौतियां पेश कर रही हैं। इसलिए, इनसे होने वाले संभावित खतरों का व्यापक मूल्यांकन करना जरूरी है। आवासीय क्षेत्रों में डिजिटल होर्डिंग लगाने से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। यह भी बताया गया है कि इनसे पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ सकता है। सड़कों के किनारे डिजिटल होर्डिंग लगाने से वाहन चालक का ध्यान भटक सकता है, जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इस वजह से विशेषज्ञों के पैनल का गठन किया गया है। पैनल द्वारा पर्यावरण, स्वास्थ्य और यातायात सुरक्षा से जुड़े सभी संभावित खतरों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे।
बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि दिशा-निर्देशों में होर्डिंग और बिलबोर्ड के सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि आठ सदस्यीय टीम द्वारा एक या दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपी जा सकती है। बता दें कि 13 मई को तेज आंधी और तूफान के कारण घाटकोपर इलाके में एक विशाल अवैध होर्डिंग गिर गई थी। इस हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इस दुर्घटना के बाद बीएमसी द्वारा कई कदम उठाए गए हैं ताकि, ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति ना हो।