गुजरात हाईकोर्ट ने दुष्कर्म मामले में सजा निलंबित करने की आसाराम बापू की याचिका को खारिज कर दिया। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि आवेदन पर विचार करने के लिए कोई आधार नहीं है। इस मामले में गांधीनगर की एक अदालत ने 2023 में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने दुष्कर्म मामले में सजा निलंबित करने की आसाराम बापू की याचिका को खारिज कर दिया। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि आवेदन पर विचार करने के लिए कोई आधार नहीं है। इस मामले में गांधीनगर की एक अदालत ने 2023 में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
आसाराम की याचिका में कहा गया है कि वह एक साजिश का शिकार है और दुष्कर्म के आरोप झूठे हैं। बता दें कि जोधपुर में दुष्कर्म के मामले में सजा के खिलाफ आसाराम की अपील राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित है। इस मामले में सजा के निलंबन के लिए उनकी अर्जी को राजस्थान हाईकोर्ट ने इस साल जनवरी में खारिज कर दिया था।
आसाराम के जमानत के लिए कोर्ट की शर्ते
वहीं इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सात दिनों तक इलाज कराने की अनुमति दी थी। साथ ही पैरोल देते समय हाईकोर्ट ने कुछ शर्तें रखी थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि उनके साथ चार पुलिसकर्मी यात्रा करेंगे, उन्हें अपने साथ दो परिचारक रखने की भी अनुमति थी। उन्हें पुणे में एक निजी कॉटेज में रखा जाएगा और इलाज का पूरा खर्च और आने-जाने के साथ-साथ पुलिस व्यवस्था में होने वाला खर्च भी उन्हें ही वहन करना होगा।