Personnel Ministry: केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने विकलांग (दिव्यांगजन) कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने का फैसला किया है। कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में यह जानकारी दी है।
आदेश में कहा गया है कि पात्र कर्मचारियों को 30 जून, 2016 से ‘सैद्धांतिक आधार’ पर पदोन्नति देने पर विचार किया जाएगा। केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों को जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्र के पदों और सेवाओं में दिव्यांग कर्मचारियों को 30 जून 2016 से ‘सैद्धांतिक’ आधार पर समूह ‘ए’ के सबसे निचले स्तर तक पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने पर विचार किया जाएगा, बशर्ते वे पात्रता शर्तों को पूरा करते हों।
इसमें कहा गया है कि 30 जून, 2016 से दिव्यांग कर्मचारी के वास्तव में पदभार ग्रहण करने तक इस तरह की कोई भी पदोन्नति केवल सैद्धांतिक आधार पर होगी और पदोन्नति का वास्तविक वित्तीय लाभ उस तारीख से प्रभावी होगा जब वह वास्तव में पदोन्नत पद का प्रभार ग्रहण करता है।
आदेश में कहा गया है कि इसका मतलब है कि जिस तारीख को उन्हें सैद्धांतिक पदोन्नति का लाभ मिलता है और जिस तारीख को वे वास्तव में पदोन्नत पद का प्रभार ग्रहण कर चुके हैं, उस तारीख के बीच की अवधि के लिए उन्हें कोई वित्तीय बकाया स्वीकार्य नहीं होगा।
कार्मिक मंत्रालय ने अतिरिक्त पदों (एक विशिष्ट अवधि के लिए विशेष परिस्थितियों में सृजित स्थायी पद) के सृजन का भी सुझाव दिया है ताकि विभिन्न ग्रेड में अधिकारियों की परस्पर वरिष्ठता प्रभावित न हो और प्रशासनिक असुविधा से बचा जा सके।
आदेश में कहा गया है, ’30 जून 2016 के बीच पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों को सैद्धांतिक आधार पर पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने और पद के वास्तविक कार्यभार ग्रहण करने से विभिन्न ग्रेड में अधिकारियों की पारस्परिक वरिष्ठता प्रभावित हो सकती है। इस वजह से ऐसे मामले हो सकते हैं जिनमें कुछ अधिकारियों को उनकी मौजूदा या वर्तमान वरिष्ठता सूची या चयन सूची के वर्ष के बाद चुनिंदा सूची या वरिष्ठता सूची में रखना पड़ सकता है।’
इसमें कहा गया है कि इसका सिलसिलेवार ढंग से असर हो सकता है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप कई मामलों में बाद के वर्षों में वरिष्ठता सूचियों में संशोधन हो सकता है, जिससे प्रशासनिक असुविधा हो सकती है। आदेश में कहा गया है, ‘ऐसी स्थिति से बचने के लिए ऐसे दिव्यांग कर्मचारियों के ग्रहणाधिकार को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त पद सृजित किए जा सकते हैं, जो 30.06.2016 को या उसके बाद की तारीख से प्रभावी होंगे, जब तक कि वे पदोन्नति में आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो जाते।