1.58 लाख करोड़ रुपए का कर्ज अलग से लेना होगा
नई दिल्ली: इंपोर्ट ड्यूटी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना से मौजूदा हालात और इंडस्ट्री की मांग को देखते हुए ये फैसला किया है कि कोविड के सामान पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. कोरोना काल में जीएसटी की ये मीटिंग पूरे सात महीने बाद हुई है. कोरोना के सेकेंड वेव को देखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है कि कोरोना से जुड़ी चीजों पर राहत दी जाए.
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इंपोर्ट ड्यूटी सरकार नहीं लेगी 31 अगस्त तक
कोरोना मेडिसिन और इक्विपमेंट पर जीएसटी में कटौती को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई. कई मामले उठाए गए और उन मुद्दों पर चर्चा हुई. जीएसटी काउंसिल ने 31 अगस्त 2021 तक कोरोना इक्विपमेंट्स के इंपोर्ट पर जीएसटी छूट का फैसला किया है. COVID इक्विपमेंट्स पर जीएसटी में तात्कालिक छूट दी गई है. टैक्स में छूट को लेकर एक ग्रुप ऑफ मिनिस्ट्रीज का गठन किया गया है. 8 जून से पहले तक इस बात को लेकर आखिरी फैसला लिया जाएगा कि क्या किसी और इक्विपमेंट्स पर टैक्स में कटौती की जानी चाहिए. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने Amphotericin B को जीएसटी से छूट की कैटिगरी में शामिल किया गया है.
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छोटे कारोबारियों और टैक्सपेयर के हितों को देखते हुए सरकार ने एमेन्सटी स्कीम के तहत राहत देते हुए लेट फीस को घटा दिया है.टैक्सपेयर्स को राहत की बात करें तो जिन टैक्सपेयर्स का टर्नओवर 2 करोड़ से कम है, उनके लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सालाना रिटर्न फाइलिंग को वैकल्पिक रखा जाएगा. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिकंसिलेशन स्टेटमेंट केवल उन टैक्सपेयर्स को जमा करना होगा जिनका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा है.
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GST compensation cess को लेकर पुराने फॉर्म्युला को अपनाने की बात की गई है. अनुमान है कि कंपेनसेशन में कमी को लेकर केंद्र सरकार को 1.58 लाख करोड़ रुपए का कर्ज अलग से लेना होगा. केंद्र कर्ज के पैसे से राज्यों के हिस्से की भरपाई करेगी.