दार्जिलिंग के प्रभावशाली नेता माने जाने वाले बिनॉय तमांग ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से इस्तीफा दे दिया। टीएमसी के दार्जिलिंग नगर पालिका पर नियंत्रण सहयोगी भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) को सौंपने के कुछ घंटों बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने नगर निकाय में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
बिनॉय तमांग ने एक बयान में कहा कि उन्होंने आज से खुद को तृणमूल कांग्रेस से अलग कर लिया है। उन्होंने बयान में कहा,दार्जिलिंग में लोकतंत्र बहुत खतरे में है। अगर पार्टी मुझ पर कभी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है तो मैं किसी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई को स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। तमांग ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार से अलोकतांत्रिक गतिविधियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ राजनीतिक, कूटनीतिक और प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।
बीजीपीएम-टीएमसी गठबंधन का दार्जिलिंग नगर पालिका पर कब्जा
इससे पहले दिन में, अनित थापा के नेतृत्व वाली बीजीपीएम-तृणमूल कांग्रेस गठबंधन ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर दार्जिलिंग नगर पालिका पर कब्जा कर लिया। इससे पहले दार्जिलिंग नगर पालिका पर अजय एडवर्ड्स की हमरो पार्टी का कब्जा था। इसके बाद तमांग को एडवर्ड्स और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बिमल गुरुंग के साथ एक जनसभा में मंच साझा करते हुए देखा गया। इस रैली के बाद दार्जिलिंग में एक नए राजनीतिक समीकरण की अटकलें लगाई जाने लगी हैं।
बिनॉय तमांग गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के मुख्य कार्यकारी रह चुके हैं। पहले वह जीजेएम में थे और गुरुंग के करीबी विश्वासपात्र थे। हालांकि, बाद में दोनों नेता अलग हो गए और तमांग तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।