मनी लॉड्रिंग मामले मे ईडी ने सोमवार शाम को डीएमके से निष्कासित नेता और फिल्म निर्माता जाफर सादिक के भाई मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह जाफर के साथ मिलकर ड्रग्स तस्करी से होने वाली कमाई को विभिन्न तरीकों से वैध बनाता है। उसने अलग-अलग खातों में आठ करोड़ से अधिक अवैध नकदी जमा की। ईडी ने सलीम को गिरफ्तार करके स्थानीय अदालत में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जनवरी में अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में डीएमके नेता और फिल्म निर्माता जाफर सादिक को गिरफ्तार किया था। एनसीबी को जांच में पता चला था कि वह ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्वास्थ्य मिश्रण पाउडर और सूखे नारियल के रूप में स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी करता था। नशीली दवाओं की बिक्री से प्राप्त आय को सादिक ने अपने और अपने सहयोगियों के रियल एस्टेट, फिल्म निर्माण और लॉजिस्टिक्स सहित अलग-अलग उद्यमों में अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया। इसके बाद डीएमके ने सादिक को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। मनी लॉड्रिंग का मामला सामने आने के बाद ईडी ने केस को अपने हाथ में लिया। इसके बाद तिहाड़ जेल में बंद सादिक से पूछताछ शुरू की।
ईडी के चेन्नई कार्यालय ने मनी लॉड्रिंग मामले में अब सादिक के भाई मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि सलीम ने अपने भाई सादिक के साथ मिलकर स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी और उससे प्राप्त होने वाली कमाई को छिपाने में अहम भूमिका निभाई। वह कई फर्मों का निदेशक और साझेदार भी था, जिनके जरिये नकदी को वैध बनाया जाता था। इसके अलावा उसने आठ करोड़ की अवैध नकदी को अलग-अलग खातों में भेजा। इसके अलावा वह कमाई को असुरक्षित ऋण और वित्तीय मध्यस्थता के जरिये मनी लॉड्रिंग करता था।
ईडी ने कहा कि सलीम ने न केवल मादक पदार्थों की तस्करी की। बल्कि कमाई को संपत्ति में बदलने के लिए जगुआर और अन्य लग्जरी वाहन भी खरीदे। सलीम को ईडी ने मंगलवार को स्थानीय अदालत में पेश किया। इस पर प्रधान सत्र न्यायाधीश एस अल्ली ने उसे 27 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ईडी ने सलीम की 15 दिन की हिरासत भी मांगी। इस पर न्यायाधीश ने एजेंसी की याचिका पर नोटिस देने का आदेश दिया और मामले की आगे की सुनवाई बुधवार के लिए तय की।