दिल्ली पुलिस ने पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर में आपराधिक षडयंत्र और सबूत नष्ट करने जैसे नए आरोप जोड़ दिए हैं।
ज़ुबैर को 2018 में किए गए एक कथित आपत्तिजनक ट्वीट के ज़रिए हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें चार दिन के लिए पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया था।
ज़ुबैर पिछले महीने उस वक़्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के उस बयान का वीडियो क्लिप ट्वीटर पर शेयर किया था, जिसमें उन्होंने पैग़म्बरे इस्लाम (स) का अपमान किया था।
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पैग़म्बरे इस्लाम के अपमान पर मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई थी और कई देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के लिए भी अभियान चलाया गया था।
दिल्ली पुलिस ने नूपुर के ख़िलाफ़ कोई क़दम नहीं उठाया है, लेकिन ज़ुबैर को गिरफ़्तार कर लिया गया।
उल्टा नूपुर ने ज़ुबैर पर माहौल ख़राब करने और उनके परिवार के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक और नफ़रत पैदा करने का आरोप लगाया था।
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शनिवार को दिल्ली पुलिस ने ज़ुबैर को कोर्ट में पेश किया। पेशी के दौरन पुलिस ने ज़ुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की है। वहीं, ज़ुबैर के खिलाफ़ दर्ज एफ़आईआर में आईपीसी की नई धाराएं जोड़ दी गई हैं।
पुलिस ने आपराधिक साज़िश और सुबूत नष्ट करने की धारा-35 को एफ़आईआर में जोड़ दिया है।
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