अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सात सवाल पूछे और उनसे इन सवालों का जवाब देने को कहा। कांग्रेस नेता ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी को इन सात सवालों पर ‘मन की बात’ करनी चाहिए, जो प्रधानमंत्री का राजनीतिक कर्तव्य और नैतिक दायित्व है।
रमेश ने पीएम मोदी से पूछा कि 20 जून, 2020 को आपने क्यों कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन की ओर से कोई घुसपैठ नहीं हुई? आपने चीन को यह अनुमति क्यों दी कि वह हमारे सैनिकों को उन हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में जाने से रोके, जहां वे मई, 2020 से पहले नियमित रूप से गश्त किया करते थे?
माउंटेन स्ट्राइक कोर योजना को ठंडे बस्ते में क्यों डाला
उन्होंने यह भी पूछा कि आपने (प्रधानमंत्री मोदी) 17 जुलाई 2013 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत माउंटेन स्ट्राइक कोर की स्थापना की योजना को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया? साथ ही कांग्रेस ने पीएम मोदी से पूछा है कि आपने चीनी कंपनियों को पीएम केयर्स फंड में अंशदान की अनुमति क्यों दी?
ये हैं पीएम मोदी से कांग्रेस के सवाल
- 20 जून, 2020 को आपने ऐसा क्यों कहा कि पूर्वी लद्दाख के भारतीय क्षेत्र में चीन की ओर से कोई घुसपैठ नहीं हुई है?
- आपने चीनी कंपनियों को पीएम केयर्स फंड में अंशदान की अनुमति क्यों दी?
- आपने पिछले दो वर्षों में चीन से आयात को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ने क्यों दिया?
- आप इस बात पर जोर क्यों दे रहे हैं कि सीमा की स्थिति और चीन की ओर से हमारे समक्ष आने वाली चुनौतियों पर संसद में बहस न हो?
- आपने शीर्ष चीनी नेतृत्व से अभूतपूर्व रूप से 18 बार मुलाकात की और हाल ही में बाली में शी जिनपिंग से हाथ मिलाया। इसके तुरंत बाद चीन ने तवांग में घुसपैठ शुरू कर दी और उसकी तरफ से सीमा की स्थिति में एकतरफा बदलाव का प्रयास करना जारी है। आप इस मुद्दे पर देश को विश्वास में क्यों नहीं ले रहे?
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में नौ दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था, जिसमें दोनों तरफ के जवानों को चोटें आई थीं। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद इस तरह की यह पहली घटना थी।