रक्षा मंत्रालय ने सेना की मारक क्षमता को बड़ा बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला किया है। मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए ‘प्रलय’ बैलिस्टिक मिसाइलों की एक रेजिमेंट की खरीद को मंजूरी दे दी है। इसे चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात किया जाएगा।
रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, यह भारतीय सेना के लिए एक बड़ा अहम फैसला है कि प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की एक रेजिमेंट हासिल करने के प्रस्ताव को हाल ही में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में मंजूरी दे दी गई। यह 150-500 किलोमीटर के बीच लक्ष्य को तबाह कर सकती है।
मिसाइलों को पारंपरिक हथियारों के साथ तैनात करेगी
सेना इन मिसाइलों को पारंपरिक हथियारों के साथ तैनात करेगी। सूत्रों के मुताबिक, बैलिस्टिक मिसाइलों की खरीदी को देश के लिए उस बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसकी नीति अब सामरिक भूमिकाओं में बैलिस्टिक मिसाइलों के इस्तेमाल को अनुमति देती है। चीन और पाकिस्तान दोनों के पास बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।
इसकी सीमा को काफी बढ़ाया जा सकता है
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित मिसाइलों को और विकसित किया जा रहा है। अगर सेनाएं चाहें तो इसकी सीमा को काफी बढ़ाया जा सकता है। मिसाइल प्रणाली पर 2015 के आसपास काम शुरू हुआ था। ऐसी क्षमता को दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने बढ़ावा दिया था।
दो बार सफल परीक्षण किया गया
इस मिसाइल का पिछले साल 21 दिसंबर और 22 दिसंबर को लगातार दो बार सफल परीक्षण किया गया था। ‘प्रलय’ सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है। इस उन्नत मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों को परास्त करने के लिए विकसित किया गया है। यह हवा में एक निश्चित सीमा तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता भी रखती है। इसमें अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं।