महाराष्ट्र में रायगढ़ के महाड के तलई गांव में चट्टान खिसकने से 36 लोगों की मौत की खबर मिल रही है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, मलबे के नीचे करीब 80 से 90 लोगों के दबे होने की आशंका है. वहीँ जिलाधिकारी ने 32 मौतों की पुष्टि की है. यह चट्टान 35 घरों पर टूट कर गिरी है.
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मिली जानकारी के मुताबिक, कल 4.30 बजे शाम को यह दुर्घटना हुई. लेकिन अभी तक बचाव कार्य के लिए प्रशासन से न तो फायर ब्रिगेड की टीम आई है और न ही राहत कार्य से जुड़ी कोई अन्य टीम आई है. स्थानीय लोगों ने ही अब तक 36 शवों को मलबों से निकाला है.
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वहीं, जिलाधिकारी निधि चौधरी ने बताया कि प्रशासन को सूचना 5.30 बजे मिली. कल ही एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई थी. लेकिन रात को हेलिकॉप्टर उड़ नहीं पा रहा था. थोड़ी ही देर में रेस्क्यू टीम पहुंचने वाली है. बता दें कि स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है कि आज आधा दिन निकल चुका है, अब तक राहत और बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया है. स्थानीय लोग मलबे हटा रहे हैं.
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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मौसम विभाग ने अत्यधिक बरसात का अनुमान जताया था. लेकिन अब अति वृष्टि की व्याख्या बदलनी होगी. जिस तरह से चट्टान खिसकने की घटनाएं हो रही हैं. ऐसी घटनाएं अति वृष्टि की व्याख्या के अंतर्गत नहीं यह अति से भी ज्यादा वृष्टि के अंतर्गत आती हैं. यह सिर्फ अत्यधिक बरसात नहीं बल्कि अनपेक्षित संकट है.