यूक्रेन पर अटैक के बावजूद अमेरिका रूस के साथ काम करने को मजबूर हुआ है। मामला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ा है। खबर है कि अमेरिका प्रतिबंधों के बावजूद रूस के साथ मिलकर ISS पर फ्लाइट्स भेजेगा। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने कहा कि वह रूस को अलग-थलग करने के अपने प्रयासों के बावजूद उसके साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ानें फिर से शुरू करेगा।
गौरतलब है कि यूक्रेन पर सैन्य हमले के बाद से अमेरिका ने रूस को दंडित करने के लिए कई प्रतिबंध लगाए हैं। यूक्रेन युद्ध के समय से ISS में चार अमेरिकी, दो रूसी और एक जर्मन अंतरिक्ष यात्री माइक्रोग्रैविटी में साथ-साथ काम कर रहे हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक बयान में कहा, “इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के निरंतर सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने, एस्ट्रोनॉट के जीवन की रक्षा करने और स्पेस में निरंतर अमेरिकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए, नासा अमेरिकी चालक दल के अंतरिक्ष यान और रूसी सोयुज के साथ सदस्यों को फिर से भेजना शुरू करेगा।” नासा ने कहा कि एस्ट्रोनॉट फ्रैंक रुबियो 21 सितंबर को कजाकिस्तान से लॉन्च होने वाले सोयुज रॉकेट पर दो रूसी एस्ट्रोनॉट के साथ उड़ान भरेंगे।
यह घोषणा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन को निकाल देने के कुछ घंटों बाद हुई है। रोगोजिन एक तेजतर्रार राष्ट्रवादी और यूक्रेन आक्रमण के उत्साही समर्थक हैं। उन्होंने अपने एक बयान में चुटकी लेते हुए कहा था कि अमेरिकी एस्ट्रोनॉट को रूसी रॉकेट के बजाय ट्रैम्पोलिन पर बैठकर स्पेस स्टेशन जाना चाहिए।
आईएसएस पर रूस के साथ फ्लाइट्स भेजने के फैसले की घोषणा करते हुए नासा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को हमेशा संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान और कनाडा की अंतरिक्ष एजेंसियों की भागीदारी के साथ संयुक्त रूप से संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया था।