गुजरात हाईकोर्ट में शुक्रवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। मामले में व्यक्ति ने अपनी गर्लफ्रेंड की कस्टडी दिलाने की अपील की थी। चौंकाने वाली बात यह है कि जिस गर्लफ्रेंड की बात की जा रही थी, वह पहले से ही शादीशुदा है और अपने पति के साथ रहती है। सुनवाई के बाद कोट ने व्यक्ति पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। याचिकाकर्ता अपनी शादीशुदा प्रेमिका के पति से उसकी कस्टडी दिलाने की मांग कर रहा था।
दरअसल, गुजरात के बनासकांठा जिले का एक शख्स ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका में दावा किया गया कि वह जिस महिला की कस्टडी मांग रहा है, वह उसके साथ उसके अच्छे संबंध हैं। महिला की शादी उसकी मर्जी के खिलाफ कर दी गई थी। दोनों ज्यादा दिनों तक साथ नहीं रहे। महिला ने अपने पति और ससुराल को भी छोड़ दिया। इसके बाद से वह उसके साथ रह रही थी। महिला ने उसके साथ एक लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट भी साइन किया था।
इस वजह से खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
याचिका में दावा किया गया कि कुछ समय बाद महिला को ससुराल वाले जबरन पति के पास वापस ले गए। इस वजह से उसे कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। याचिका में कहा गया कि महिला को उसकी मर्जी के बिना पति ने अपने पास रोका हुआ है। राज्य सरकार ने याचिका का विरोध किया और कहा कि अगर कोई महिला अपने पति के साथ रह रही है, तो यह नहीं कहा जा सकता है कि उसे जबरन रोका गया है या उसे अवैध रूप से बंदी बनाकर रखा गया है।
कोर्ट ने क्या कहा?
मामले की सुनवाई के बाद गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस वीएम पंचोली और जस्टिस एचएम प्रच्छाक की बेंच ने कहा कि महिला का अपने पति के साथ तलाक नहीं हुआ है। लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट के कोई मायने नहीं। कोर्ट ने कहा कि महिला के अपने पति के साथ रहने को अवैध कस्टडी नहीं कहा जा सकता। कथित एग्रीमेंट के आधार पर याचिकाकर्ता के पास याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है।