ख़त्म हो रही है… यदि ये पाबंदिया पहले से लागू होती तो आज देश का परिदृश्य कुछ और ही होता कि नहीं ?
आपकी अभिव्यक्ति
सरकार को क्या पारदर्शिता के साथ आम जनता को इन सभी नियमों की जानकारी नहीं देनी चाहिये और साथ ही सरकार को फेसबुक से भी पारदर्शिता के साथ अपने सभी ऐसे नियमों को सार्वजनिक करने को नहीं कहना चहिये, जैसे कि अब्यूज मैसेज की परिधि क्या है उसके मानक क्या हैं ? ताकि इसका भक्त दुर्पयोग न कर सकें, जब फेसबुक सरकार के इन नियमों का अनुपालन कर सकता है तो आम-जन के हित में उससे इसका पालन करने को भी सरकार को कहना चाहिये कि वो इसमें भी पारदर्शिता लाये या इसे भी नियमों में शामिल किया जाय ताकि आम जनता सरकारिया के साथ-साथ इनकी पाबंदियों से रूबरू हो सके कि उसे अभिव्यक्ति की कितनी आजादी है, लेकिन आज की सत्तारूढ पार्टी कल विपक्ष में आने के बाद इसका विरोध तो नही कर सकेगी कि मैं ये नियम बनाये थे और ये नहीं, क्योंकि 2014 के बाद से भारत अब न्यू इण्डिया बन चुका है, क्योंकि 2014 से पहले सरकारें सोशल मीडिया को इतना पाबंद नहीं बना सकीं थी, यदि ये पाबंदिया पहले से लागू होती तो आज देश का परिदृश्य कुछ और ही होता ?
– मानवाधिकार अभिव्यक्ति
नई दिल्ली: नए डिजिटल नियमों की समय सीमा आज समाप्त होने पर Facebook फेसबुक ने आज कहा कि वह कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए सरकार के नए नियमों का ‘अनुपालन करना’ चाहता है. कंपनी ने संकेत दिया कि वह ‘उन मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है जिन्हें अधिक जुड़ाव की आवश्यकता है.’
फेसबुक लोगों की क्षमता के लिए प्रतिबद्ध
फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमारा लक्ष्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना और कुछ मुद्दों पर चर्चा करना जारी रखना है, जिन्हें सरकार के साथ और अधिक जुड़ाव की आवश्यकता है.” बयान में कहा गया, “आईटी नियमों के अनुसार, हम परिचालन प्रक्रियाओं को लागू करने और दक्षता में सुधार करने के लिए काम कर रहे हैं. फेसबुक लोगों की क्षमता के लिए प्रतिबद्ध है कि वे हमारे प्लेटफॉर्म पर खुद को स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से व्यक्त कर सकें.”
सिर्फ फेसबुक का अपडेट
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अब तक सोशल मीडिया दिग्गज- ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने नए नियमों का पालन नहीं किया है. फिलहाल फेसबुक के अलावा ट्विटर या दूसरे प्लेटफॉर्म्स से इस मामले में अभी कोई अपडेट नहीं आया है.
आज ख़त्म हो रही है डेडलाइन
बता दें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY ) ने समाचार साइटों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नियमों की घोषणा 25 फरवरी को की गई थी और साइटों को इसे मानने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था. सूत्रों ने कहा कि अगर कंपनियां नियमों का पालन करने में विफल रहती हैं, तो उन्हें ब्लॉक किया जा सकता है या आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
बनेगी समिति
नए नियमों में डिफेंस, विदेश मंत्रालय, गृह, सूचना और प्रसारण, कानून, आईटी और महिला एवं बाल विकास मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ एक समिति शामिल होगी. सरकार संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के स्तर के एक अधिकारी को “ऑथेराइज्ड ऑफिसर” के रूप में नामित करेगी जो किसी कंटेंट को अवरुद्ध करने का निर्देश दे सकता है.