मुंबई की एक अदालत ने बुधवार को चार लोगों को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। चारों 2015 के जहरीली शराब कांड के आरोपी हैं। जून 2015 को जहरीली शराब पीने से मालवणी इलाके में करीब 106 लोगों की मौत हो गई थी। आरोपियों का नाम- राजू तपकर, डोनाल्ड पटेल, फ्रांसिस डिमेलो और मंसूर खान है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अदालत ने 28 अप्रैल को चारों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की आपराधिक साजिश और गैर-इरादतन हत्या की धाराओं में दोषी ठहराया गया है। साथ ही उन्हें बॉम्बे निषेध अधिनियम की धाराओं के तहत भी दोषी माना गया है। कोर्ट ने मामले में 10 लोगों को बरी कर दिया क्योंकि अदालत का कहना है कि अभियोजन पक्ष मामले में उनकी भूमिका साबित करने में विफल रहा।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, जून 2015 में पश्चिमी उपनगर मलाड के मालवणी स्थित लक्ष्मी नगर झुग्गी बस्ती में जहरीली शराब पीने से करीब 106 लोगों की जान चली गई थी। करीब 75 लोगों की आंखों की रोशनी को नुकसान हुआ था। अदालत ने माना कि लगभग 240 गवाहों की जांच साक्ष्यों को स्पष्ट परिभाषित नहीं करती है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश स्वप्निल तौशिकर ने बुधवार को सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपियों को कोई रियायत नहीं दिखाई जा सकती है। आरोपियों को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई जाती है। विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने अदालत में कहा था कि यह एक बहुत ही गंभीर अपराध है इसलिए आरोपियों को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए। घरात ने अदालत में दलील दी कि सजा अनुकरणीय होनी चाहिए, जिससे समाज में एक कड़ा संदेश जाए और लोग भविष्य में ऐसे अपराध करने से डरें।
अभियोजन पक्ष ने अदालत में तर्क दिया कि सभी आरोपी व्यक्ति एक आपराधिक साजिश में शामिल थे। अभियोजन पक्ष ने एक गवाह से पूछताछ की थी, जिसने तपकर को जहरीली शराब बेचने में मदद की थी। जबकि, मामले में गवाही देने वाले कुछ अन्य गवाहों ने आरोपी व्यक्तियों में से एक की मांद में शराब पी थी। अभियोजन पक्ष ने पीड़ितों में से एक का मृत्यु पूर्व बयान और शराब कांड में अपनी आंखों की रोशनी खोने वाले पीड़ितों का बयान भी प्रस्तुत किया।