31 C
Mumbai
Friday, March 29, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

काबुल में आतंकवादी नहीं ड्रोन हमले में निर्दोष आम नागरिकों की हुई थी मौत, मांगी अमरीका ने माफ़ी

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद काबुल में एक कार पर अमरीकी सेना के हमले में कोई आतंकवादी नहीं बल्कि 7 बच्चों समेत 10 आम अफ़ग़ान नागरिक मारे गए थे. अमरीका ने दावा किया था कि उसने काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में शामिल आतंकियों को मार गिराया है. अब अमेरिका ने अपनी भूल को स्वीकार करते हुए इस बात के लिए माफ़ी मांगी है कि उसने ग़लत लोगों को निशाना बनाया था.

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

29 अगस्त को अमरीका ने काबुल एयरपोर्ट हमले में शामिल दाइश के आतंकवादियों को निशाना बनाने का दावा किया था, जिसे अमरीकी सेना के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ जनरल मार्क मिले ने सही टारगेट क़रार दिया था।

लेकिन शुक्रवार को अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने स्वीकार किया कि काबुल में 29 अगस्त को किये गये एक ड्रोन हमले में सात बच्चों समेत 10 निदोर्ष नागरिकों की मौत हो गई थी, और ऐसी कोई आशंका नहीं है कि वे दाइश-के से जुड़े हुए थे या अमरीकी सेना के लिए ख़तरा थे।

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

अमरीका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने ड्रोन हमले में मारे गए निर्दोष लोगों की मौत के लिए माफ़ी मांगते हुए कहा कि मैं ड्रोन हमले में मारे गए लोगों के पीड़ित परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि हम इस भयानक ग़लती से सीखने का प्रयास करेंगे।

अमरीकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंज़ी का कहना है कि सैन्य जांच में पाया गया कि ड्रोन हमले में 10 नागरिकों की मौत हुई थी और जिस वाहन को निशाना बनाया गया था, उसका दाइश की ख़ुरासान शाख़ा से कोई संबंध नहीं था।

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

उन्होंने कहा कि मैं इस ग़लती के लिए गंभीरतापूर्वक माफ़ी मांगता हूं।

अमरीकी रक्षा मंत्रालय की एक जांच में पाया गया कि अमरीकी हमले में एक निदोर्ष सहायता कर्मी और उसके परिवार के सदस्यों की मौत हो गई थी, जिसमें 7 बच्चे भी शामिल थे। इस हमले को शुरू में न्यायसंगत क़रार दिया गया था। हमले में मारी गई सबसे छोटी बच्ची सुमय्या की उम्र महज़ दो साल थी। जांच में बताया गया कि सुरक्षा बलों ने कार में जिस संदिग्ध चीज़ को रखते हुए देखा था, वह विस्फ़ोटक नहीं बल्कि लोगों तक पहुंचाने के लिए पानी के गैलन थे।

अमरीकी पत्रकार डॉन डी-बर का कहना है कि 2001 के बाद से अमरीकी सेना के हाथों मारे गए प्रत्येक अफ़ग़ान नागरिक की मौत ग़लत और ग़ैर क़ानूनी थी। क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान पर अमरीका और उसके सहयोगियों का हमला और उस पर क़ब्ज़ा ग़ैर क़ानूनी था।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here