लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं भी देखने को मिली। जहां एक तरफ कुछ क्षेत्रों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा सांसद दिलीप घोष और टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद के बीच याराना अंदाज दिखा। बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार दिलीप घोष मतदान के लिए जब मतदान केंद्र पहुंचे, तो वहां टीएमसी उम्मीदवार कीर्ति आजाद भी मौजूद थे। दोनों ने पहले एक-दूसरे को गले लगाया और फिर कुछ देर तक बातें कीं।
इससे पहले बर्धमान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र से बूथ जाम होने की सूचना मिलने के बाद भाजपा उम्मीदवार दिलीप घोष मतदान केंद्र की तरफ जा रहे थे। इस दौरान टीएमसी के समर्थकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उनके खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। टीएमसी समर्थकों ने दिलीप घोष के काफिले पर पथराव भी किया। मौजूदा स्थिति को देखते हुए भाजपा उम्मीदवार ने पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप भी लगाया।
दिलीप घोष ने इस झड़प पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पुलिस सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई है। टीएमसी ने आतंक का राज फिर से कायम किया। सुबह से टीएमसी के गुंडे हमारे एजेंटों को पीट रहे हैं। उन्हें मतदान केंद्रों के भीतर जाने से रोक रहे हैं।”
टीएमसी ने आरोपों को किया खारिज
टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारी जीत सुनिश्चित करने के लिए महिलाएं सक्रिय रूप से मतदान कर रही हैं। बात ये है कि भाजपा के पास कार्यकर्ता नहीं है और वे वोट के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं। लेकिन इन दस वर्षों में जनता सबकुछ समझ गई है। क्या आपको अबतक दुर्व्यवहार की कोई शिकायत मिली? भाजपा पश्चिम बंगाल को बड़े पैमाने पर बदनाम करने की कोशिश कर रही है।”
बता दें कि राज्य में मतदान के दौरान बीरभूम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने टीएमसी सदस्यों पर मतदान केंद्र के बाहर उनके कैंप में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया। इसके अलावा दुर्गापुर में भी मतदान के दौरान भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।