30 C
Mumbai
Saturday, June 3, 2023

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

"मानवाधिकर आभिव्यक्ति, आपकी आभिव्यक्ति" 100% निडर, निष्पक्ष, निर्भीक !

नए हवाई क्षेत्र का पूर्वी लद्दाख में निर्माण करेगा भारत, पूरी तैयारी समझिए चीन को मात देने की

लद्दाख में चीन को मात देने के लिए भारत एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। दरअसल हाल ही में कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीन पूर्वी लद्दाख से सटे इलाकों में भारी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। अब चीन को काउंटर करने के लिए भारत जल्द ही न्योमा में एक नए हवाई क्षेत्र का निर्माण शुरू करने जा रहा है। न्योमा पूर्वी लद्दाख का बेहद अहम एरिया है।

भारतीय सेना के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि भारत जल्द ही एलएसी से 50 किलोमीटर से कम दूरी पर लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए अपने न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के अपग्रेडेशन के लिए निर्माण कार्य शुरू करने जा रहा है। चीन के साथ चल रहे गतिरोध के दौरान न्योमा हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल जवानों और सामग्री के परिवहन के लिए किया गया है। इस हवाई क्षेत्र में चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर और सी-130जे स्पेशल ऑपरेशंस विमानों को भी उतारा जा चुका है। 

वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया, “न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) को जल्द ही लड़ाकू विमान संचालन के लिए अपग्रेड किया जाएगा। अधिकांश आवश्यक मंजूरी और अप्रूवल पहले ही आ चुके हैं। योजना के अनुसार, नए हवाई क्षेत्र और सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाएगा।” एएलजी के अपग्रेडेशन से वायुसेना को बहुत ताकत मिलेगी। 

इस क्षेत्र से लड़ाकू विमानों के संचालन की क्षमता से वायु सेना की विरोधियों द्वारा किसी भी दुस्साहस से तेजी से निपटने की क्षमता मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में मोदी सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद पूर्वी लद्दाख सेक्टर में निर्माण कार्य का उद्घाटन जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।

भारत पूर्वी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ), फुकचे और न्योमा सहित कई हवाई क्षेत्रों के विकास पर विचार कर रहा है। यह इलाके चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से कुछ ही मिनटों की दूरी पर हैं। न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) पर पहले ही वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर को उतारा जा चुता है व गरुड़ स्पेशल फोर्स ऑपरेशन का भी यहां संचालन किया गया है। 

हाल ही में, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अजय राठी ने न्योमा जैसे एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के महत्व को समझाया था। राठी ने कहा, “न्योमा एएलजी का वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब होने के कारण रणनीतिक महत्व है। यह लेह हवाई क्षेत्र और एलएसी के बीच महत्वपूर्ण अंतर को पाटता है। यह पूर्वी लद्दाख में जवानों और सामग्री की त्वरित आवाजाही को सक्षम बनाता है।”  

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here