28 C
Mumbai
Friday, March 31, 2023

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

"मानवाधिकर आभिव्यक्ति, आपकी आभिव्यक्ति" 100% निडर, निष्पक्ष, निर्भीक !

निहित शक्तियों का ‘हाईकोर्ट में सावधानी के साथ किया जाए इस्तेमाल’, सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में निहित शक्तियों का प्रयोग सावधानी से करने की सलाह दी है। सोमवार को एक मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने एक प्राथमिकी को रद्द करते हुए यह सलाह दी। सुप्रीम कोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक स्कूल के प्रबंधन के संबंध में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी को निरस्त करने से इनकार कर दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता( सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत उच्च न्यायालयों में निहित शक्तियों का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक, सतर्कता और संयम के साथ करना चाहिए। इसके साथ ही पीठ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), धारा 406 (विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), धारा 420 (धोखधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत महिला और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया। 

 सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक पूर्व के आदेश का भी जिक्र किया। पीठ ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता( सीआरपीसी) की धारा 482 को यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाया गया है कि आपराधिक कार्यवाही को उत्पीड़न का हथियार बनाने की अनुमति ना दी जा सके। 

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here