30 C
Mumbai
Thursday, April 25, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

भारत एक ‘स्वतंत्र’ देश से ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ देश में 2014 के बाद बदल गया, भारत में नागरिक स्वतंत्रता का गिर रहा स्तर – रिपोर्ट का दावा

नई दिल्ली: भारत में लोगों की स्वतंत्रता पहले से कुछ कम हुई है, ऐसा मानना है अमेरिकी थिंक टैंक ‘फ्रीडम हाउस’ का| अपनी एक रिपोर्ट में उसने कहा है कि भारत एक ‘स्वतंत्र’ देश से ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ देश में बदल गया है। इस रिपोर्ट में ‘पॉलिटिकल फ्रीडम’ और ‘मानवाधिकार’ को लेकर कई देशों में रिसर्च की गई थी। रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि साल 2014 में भारत में सत्तापरिवर्तन के बाद नागरिकों की स्वतंत्रता में गिरावट आई है।

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

वैश्विक बदलाव का हिस्सा
‘डेमोक्रेसी अंडर सीज ’शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की स्थिति में जो तब्दीली आई है, वह वैश्विक बदलाव का ही एक हिस्सा है। रिपोर्ट में भारत को 100 में से 67 नंबर दिए गए हैं। जबकि पिछले वर्ष भारत को 100 में से 71 नंबर दिए गए थे।

स्वतंत्रता के हालत में गिरावट
फ्रीडम हाउस की ओर से कहा गया है कि 2014 के बाद से भारत में मानवाधिकार संगठनों पर दबाव काफी बढ़ गया है। राजद्रोह कानून और मुसलमानों पर हमलों का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि देश में नागरिक स्वतंत्रता के हालत में गिरावट देखी गयी है।

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करे

60 में से 33 नंबर
रिपोर्ट में भारत के अंक कम करने के पीछे का कारण सरकार और उसके सहयोगी पार्टियों की ओर से आलोचकों पर शिकंजा कसना बताया गया है। नागरिक स्वतंत्रता की रेटिंग में सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को पिछले साल के 60 में से 37 नबंर के मुकाबले इस साल 60 में से 33 नंबर दिए गए हैं। जबकि भारतवर्ष में राजनीतिक अधिकारों पर दोनों सालों का स्कोर 40 में से 34 ही रहा है।

कोरोना वायरस पर भारत के क़दमों की चर्चा
इस रिपोर्ट में पिछले साल कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए भारत सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन की भी चर्चा की गई है। इसमें लिखा है कि सरकार की ओर से पिछले साल लागू किया गया लॉकडाउन खतरनाक था। इस दौरान लाखों प्रवासी मजदूरों को पलायन का सामना करना पड़ा।

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

सिर्फ दो देशों को सकारात्मक रेटिंग
गौरतलब है कि ‘फ्रीडम इन द वर्ल्ड’ राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता पर एक वार्षिक वैश्विक रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में 1 जनवरी 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक 25 बिंदुओं को लेकर 195 देशों और 15 प्रदेशों पर शोध की गई। बड़ी बात यह है कि रिपोर्ट में शामिल 195 देशों में से के दो को ही सकारात्मक रेटिंग दी गई।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here