29 C
Mumbai
Saturday, September 23, 2023

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

"मानवाधिकर आभिव्यक्ति, आपकी आभिव्यक्ति" 100% निडर, निष्पक्ष, निर्भीक !

भारत से सुधारना चाहता था संबंध अपने कार्यकाल में, कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करना बना बाधा

पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुधारना चाहते थे, लेकिन कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करना एक बाधा बन गया। 

क्रिकेटर से नेता बने खान (70 वर्षीय) ने यह भी कहा कि तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का भारत के साथ बेहतर संबंध रखने का और भी अधिक झुकाव था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख ने कहा, मैं अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ संबंध सुधारना चाहता था, लेकिन आरएसएस की विचारधारा और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करना बाधा बन गया

जमान पार्क स्थित आवास पर विदेश पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान खान ने कहा कि 2019 में कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद उनकी (भारत) सरकार ने बातचीत पर जोर नहीं दिया। उन्होंने कहा, हम चाहते थे कि भारत पहले अपने फैसले को पलटे और शांति वार्ता करे

खान से जब सवाल किया गया कि उनके कार्यकाल के दौरान भारत के प्रति विदेश नीति कौन चला रहा था, वह खुद या फिर जनरल बाजवा, जवाब में उन्होंने कहा, मैं बॉस था, मैं विदेश नीति चला रहा था। हालांकि, मुझे छोड़े, आपको बता दूं कि जनरल बाजवा भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने के इच्छुक थे। पीटीआई प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि उनके कार्यकाल के दौरान उनके पास शक्ति नहीं थी, क्योंकि जनरल बाजवा वह व्यक्ति थे, जो असली निर्णय लेते थे।

 भारत के 2019 के आम चुनाव से पहले उन्होंने इच्छा व्यक्त की थी कि नरेंद्र मोदी जीतेंगे और कश्मीर मुद्दे को हल करेंगे। खान ने कहा, मुझे अभी भी विश्वास है कि दक्षिणपंथी पार्टी का एक नेता एक संघर्ष को हल कर सकता है। मैं इसलिए चाहता था कि दक्षिणपंथी पार्टी सत्ता में लौटे और कश्मीर का मुद्दा हल करे, क्योंकि दक्षिणपंथी पार्टी ही ऐसे किसी भी मुद्दे के समाधान का विरोध करती है। 

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here