32 C
Mumbai
Thursday, December 5, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

राज्य महिला आयोग ने की पुलिस की आलोचना, कहा- गंभीरता से नहीं ली नवविवाहिता की उत्पीड़न की शिकायत

बुधवार को केरल महिला आयोग ने नवविवाहिता महिला की शिकायत को गंभीरता से लेने के पुलिस के रवैये की आलोचना की। महिला ने अपने पति पर दहेज के लिए बेरहमी से पीटने और जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया था।

केरल महिला आयोग अध्यक्ष पी सतीदेवी ने पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी सोचते हैं कि पति अपनी पत्नी को शारीरिक तौर पर प्रताड़ित कर सकते हैं। उन्हें यह अधिकार है, जबकि ये उनकी ताकत का अपमान है। उन्होंने पुलिस पर तंज करते हुए कहा कि पुलिस का संवेदीकरण प्रशिक्षण की आवश्यकता है।

वहीं केरल महिला आयोग को कल पीड़िता की शिकायत मिली। इसके बाद पंथिरनकावु पुलिस स्टेशन के एसएचओ को बुलाया गया। उन्होंने बताया कि प्राप्त शिकायत के आधार पर महिला ने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसने बताया था कि नवविवाहिता को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। महिला ने शिकायत की कि पुलिस स्टेशन में उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया। 

सतीदेवी ने बताया शिकायत के बाद पुलिस ने नवविवाहिता को इस मामले को सुलझाने के लिए कहा गया। साथ ही यह समझाया गया कि इस बात को भूलकर वह अपने पति के साथ ही रहे। बाद में जब मीडिया से पता चला तो जांच अधिकारी और टीम को बदल दिया गया। 

बता दें कि नवविवाहिता के शिकायत के बाद ससुराल पक्ष ने दहेज की मांग के आरोप से इंकार कर दिया था। दूल्हे की मां का दावा है कि उनकी बहू वैवाहिक घर में रहने से इनकार कर रही थी। जिस कारण दोनों पति-पत्नी में बहस शुरु हो गई जो कि लड़ाई में बदल गई। वहीं दुल्हन के पिता ने कहा कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।’
दुल्हन के पिता ने मांग की कि इस मामले को एर्नाकुलम जिले में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। दूल्हे को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

महिला आयोग ने कहा कि सामाजिक मानसिकता में बदलाव होना चाहिए। जिसके कारण शिक्षित महिलाएं दहेज के कारण उत्पीड़न का सामना करती हैं। हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पढ़ी-लिखी महिलाओं को शादी से पहले और बाद में दहेज संबंधी उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अभी भी ऐसे लोग हैं जो महिलाओं को वस्तु और विवाह को व्यापारिक लेनदेन के रूप में देखते हैं। इसे बदलने के लिए प्रासंगिक कानूनों और नियमों में संशोधन की जरूरत है।”

मंगलवार को इस मामले के सामाचर चैनल पर आने के बाद केरल राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने स्वत: मामला दर्ज किया। साथ ही जांच के आदेश भी दिए। एसएचआरसी ने कोझिकोड शहर के पुलिस आयुक्त को विस्तृत जांच करने और 15 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। राज्य की स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि पीड़िता को कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने मामले में पुलिस की निष्क्रियता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि क्या वह पीड़ित के साथ है या अपराधियों के साथ खड़ी है?

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here