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Friday, March 29, 2024

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शीर्ष अदालत का केंद्र को नोटिस CrPC की धारा 64 मामले में, अहम खबरें पढ़ें कोर्ट की

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह नोटिस CrPC की धारा 64 को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर भेजा है। याचिका में कहा गया है कि धारा 64 महिलाओं के साथ भेदभाव करती है। इसके मुताबिक, किसी व्यक्ति को जारी समन परिवार की महिला उसकी जगह पर स्वीकार करने के योग्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कानून व न्याय मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस संबंध में जवाब मांगा है।

पीडीएस घोटाले से जुड़ी याचिका को सुनगी नई पीठ
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें ‘नागरिक आपूर्ति निगम’ या पीडीएस घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले को छत्तीसगढ़ के बाहर स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।

CJI ने बताई यह वजह
प्रधान न्यायाधीश और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि ईडी की याचिका को न्यायमूर्ति एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आज फिर से सूचीबद्ध किया गया है। 

CJI ने उन परिस्थितियों के बारे में बताया जिसके तहत मामला सोमवार को फिर से उसी बेंच के सामने सूचीबद्ध हुआ। सीजेआई ने कहा कि तीन जजों की बेंच में उनके साथ जस्टिस अजय रस्तोगी और एस रवींद्र भट शामिल हैं। वे ही इसकी सुनवाई करेंगे। 

छत्तीसगढ़ सरकार की दलील
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में न्यायमूर्ति शाह की अध्यक्षता वाली पीठ को इस मामले में आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा था, क्योंकि इसे तीन-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुना जाना आवश्यक था। तब सिब्बल द्वारा सीजेआई की खंडपीठ के समक्ष इसका उल्लेख किया गया।

क्या है मामला?
कथित घोटाला फरवरी 2015 में सामने आया था, जब रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा सरकार सत्ता में थी। एसीबी ने नागरिक आपूर्ति निगम (एनएएन) के कार्यालयों पर छापा मारा, जिस एजेंसी को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी कामकाज का काम सौंपा गया था। इस दौरान 3.64 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की थी। प्राथमिकी में चावल और अन्य खाद्यान्न की खरीद और परिवहन में बड़े पैमाने पर भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाया गया था, जिसमें राज्य नागरिक आपूर्ति निगम, रायपुर से संबंधित अधिकारी और अन्य शामिल थे।

सुकेश चंद्रशेखर मामले में केंद्र-दिल्ली सरकार को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने ठग सुकेश चंद्रशेखर को मंडोली कारागार से देश के किसी अन्य कारागार में स्थानांतरित करने की याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 23 अगस्त को ठग सुकेश चंद्रशेखर व उसकी पत्नी लीना पॉलोज को दिल्ली की तिहाड़ जेल से दिल्ली की मंडोली जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया था। ठग ने तिहाड़ में अपनी जान को खतरा बताया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब में अवैध शराब के कारोबार के कुछ मामलों की जांच में हुई प्रगति पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि राज्य इस मुद्दे को कमजोर नजरिए से देख रहा है।गरीब और दलित लोगों के जहरीली त्रासदियों के पीड़ित होने के मद्देनजर  शीर्ष अदालत ने पंजाब आबकारी विभाग को निर्देश दिया कि वह इस संबंध में दर्ज की गई कुछ प्राथमिकी से संबंधित विवरणों से अवगत कराए।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि असली दोषियों तक पहुंचने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए हैं जो अवैध शराब के निर्माण और परिवहन के कारोबार में हैं। पीठ ने टिप्पणी की, आप इसे आसान मुद्दा समझकर के साथ व्यवहार कर रहे हैं। शीर्ष अदालत पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सितंबर 2020 के एक आदेश से उत्पन्न एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नकली शराब के आसवन, इसकी बिक्री और अंतर-राज्यीय तस्करी के संबंध में पंजाब में दर्ज कुछ एफआईआर को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका का निस्तारण किया गया।  

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