नागार्जुन सागर बांध पर कब्जे को लेकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच तकरार बढ़ गई है। गुरुवार को आंध्र प्रदेश के 400 से अधिक पुलिस कर्मियों ने नागार्जुन सागर बांध को कब्जे में ले लिया। बांध के पानी को लेकर छिड़ी जंग में शुक्रवार को नया मोड़ तब आया जब तेलंगाना पुलिस ने आंध्र प्रदेश पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि तेलंगाना के नलगोंडा जिले में आंध्र प्रदेश पुलिस के खिलाफ नागार्जुन सागर बांध के आधे हिस्से पर नियंत्रण करने और इसके एक हिस्से पर बैरिकेडिंग करने, तेलंगाना पुलिस और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के प्रवेश करने पर रोक लगाने के बाद दो मामले दर्ज किए हैं।
क्या है मामला?
तेलंगाना पुलिस ने मुताबिक कि आंध्र पुलिस के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों को अनुचित रूप से रोकने के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। 30 नवंबर को सुबह मतदान शुरु होने से करीब 8-10 घंटे पहले आंध्र प्रदेश से पुलिस बलों की एक बड़ी टुकड़ी ने लगभग नलगोंडा जिले के नागार्जुन सागर बंध पर घुसपैठ की। यहां तक कि वहां मौजूद सुरक्षा में लगे तेलंगाना के विशेष सुरक्षा बल को एक तरफ धकेल दिया। इसके बाद आंध्र पुलिस ने बांध के आधे हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है।
वहीं तेलंगाना पुलिस ने कहा कि आंध्र प्रदेश के कृषि विभाग ने अवैध रूप से बांध से पानी निकालना शुरू कर दिया है। तेलंगाना के सिंचाई विभाग और विशेष सुरक्षा बल की तरफ से आंध्र प्रदेश की पुलिस, सिंचाई विभाग के खिलाफ दो केस दर्ज किए गए है। पूरे मामले पर तेलंगाना के अधिकारियों ने कहा कि नागार्जुन बांध कृष्णा नदी और तेलंगाना की जमीन पर बना है, जिस परह तेलंगाना का अधिकार है। आंध्र प्रदेश पुलिस ने बांध पर कब्जा कर लिया है।
तेलंगाना पुलिस के मुताबिक आंध्र प्रदेश के कृषि विभाग ने अवैध रूप से बांध से पानी निकालना शुरू कर दिया है। तेलंगाना के सिंचाई विभाग और विशेष सुरक्षा बल की तरफ से आंध्रा पुलिस और सिंचाई विभाग के खिलाफ दो केस दर्ज किए गए हैं। तेलंगाना के अधिकारियों का कहना है कि नागार्जुन बांध कृष्णा नदी और तेलंगाना की जमीन पर बना है, जिस पर तेलंगाना का अधिकार है, लेकिन आंध्र प्रदेश पुलिस ने बांध पर कब्जा कर अजीब स्थिति पैदा कर दी है।
वहीं जल निकासी की शर्तों पर वापस लौटने पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहमत हुए। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के एक प्रस्ताव पर दोनों राज्य सहमत हुए।