भारत के सरकारी संस्थानों के लिए वर्ष 2022 साइबर अटैक का साल रहा है। 2022 में करीब 82 साइबर अटैक हुए है। जो पिछले वर्ष की तुलना से आठ गुना अधिक है। इस तरह के खतरों का विश्लेषण करने वाली कंपनी क्लाउडसेक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सरकारी संस्थाओं में साइबर हमलों में लगातार वृद्धि हुई हैं। 2021 में देश के सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं में सिर्फ में 11 हमले ही दर्ज किए गए थे।
इस रिपोर्ट में सामने आया कि हैकर समूह ड्रैगन फोर्स मलेशिया और हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया के अभियानों के कारण साइबर घटना बढ़ी हैं। क्लाउडसेक के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल एक्स विजिल के डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि 2021 की तुलना में 2022 में सरकारी क्षेत्र में साइबर हमलों की संख्या में 95 प्रतिशत वृद्धि हुई है। हालांकि ये साइबर हमले कई कारणों से हुए है। लेकिन अधिकांश कारणों का उद्देश्य डेटा निकालना और इसे बेचकर पैसा बनाना था
भारत में पिछले पांच साल के दौरान साइबर अटैक की घटनाएं 53 हज़ार से बढ़कर 14 लाख से ज़्यादा हो गई हैं। साल 2022 में पूरी दुनिया में जितने साइबर अटैक हुए उनमें से लगभग 60 प्रतिशत हमले भारत के सिस्टम पर हुए। साइबर सिक्योरिटी फर्म इंडस्फेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा साइबर हमले हुए हैं। 2022 के आखिरी तीन महीनों में दुनिया भर में लगभग 85 करोड़ साइबर हमलों का पता लगाया गया। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत मामलों में निशाना भारत था। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने भी इस सिलसिले में 2021 तक के आंकड़े इकट्ठा किए हैं। इसमें सामने आया कि, भारत में साइबर हमले लगातार बढ़ते हुए दिखाई दे रहे है।
गौरतलब है कि, देश में भारतीय रेलवे, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सिक्योरिटी डिपॉजिटरी, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) जैसे सरकारी संस्थानों को हाल ही में डेटा सेंध, रैंसमवेयर हमलों और सेवाओं में बाधा पहुंचाने जैसी साइबर घटनाओं का सामना करना पड़ा थाा। इस हफ्ते की शुरुआत में, लगभग तीन करोड़ रेलवे उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत विवरण बिक्री के लिए डार्क वेब पर देखे गए थे।