राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने लीवर की नकली दवा डेफिटालियो और कैंसर की दवा एडसेट्रिस के कथित प्रसार को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) को नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
आयोग ने एक बयान में कहा कि अगर खबर सही है तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है जो चिंता का विषय है। एनएचआरसी ने मीडिया में आई उस खबर का स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अलर्ट के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्य नियामकों, डॉक्टरों और मरीजों को दो दवाओं डेफिटालियो और एडसेट्रिस के बारे में सतर्क रहने को कहा है, क्योंकि इन दवाओं के गलत संस्करण चार देशों में प्रसारित हो रहे हैं। जिसमें भारत भी शामिल है।
एनएचआरसी ने आगे कहा, रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित तौर पर भारत सहित चार देशों में पाए गए एडसेट्रिस इंजेक्शन 50 मिलीग्राम के नकली संस्करण अक्सर रोगी स्तर पर उपलब्ध पाए जाते हैं और अनियमित आपूर्ति श्रृंखलाओं (मुख्य रूप से ऑनलाइन) में वितरित किए जाते हैं।
बयान में कहा गया है कि आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को सीधे नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने आगे कहा कि जीवन रक्षक दवाओं के गलत संस्करणों की आपूर्ति और बिक्री की जांच करने के लिए संबंधित कानूनों के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति को शामिल किया जाना चाहिए, जिसमें डेफिटालियो और एडसेट्रिस शामिल हैं, जैसा कि समाचार रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। चार सप्ताह के भीतर जवाब मिलने की उम्मीद है।