वैश्विक आय में 60 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी रखने वाले 10 देशों की बैलेंसशीट पर नजर रखने वाली कंसल्टेंट मैकिन्जी एंड कंपनीकी रिसर्च शाखा की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 20 सालों में दुनिया की संपत्ति तीन गुना बढ़ी है। इन संपत्तियों में चीन की हिस्सेदारी एक-तिहाई है। यानी चीन दुनिया का सबसे अमीर देश बन गया है।
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रिपोर्ट के अनुसार साल 2000 में जहां दुनिया भर की संपत्ति 156 ट्रिलियन डॉलर थी। वहीं, 2020 में ये बढ़कर 514 ट्रिलियन डॉलर हो गई। चीन की संपत्ति में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। साल 2000 में उसकी संपत्ति महज 7 ट्रिलियन डॉलर थी, वह अब 2020 तक बढ़कर 120 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गई है।
भारत के मुकाबले चीन की नेटवर्थ 8 गुना से भी ज्यादा
क्रेडिट सुइस की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2019 में इंडिया की नेटवर्थ 12.6 खरब डॉलर पर थी। जो चीन की नेटवर्थ 120 खरब डॉलर के मुकाबले 8 गुना से भी कम है। हालांकि 2019 के बाद से भारत की नेटवर्थ के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
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वहीं, दूसरे नंबर पर आ चुके अमेरिका की संपत्ति 20 सालों में दोगुनी हुई है। साल 2020 में अमेरिकी संपत्ति 90 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में प्रॉपर्टी के दामों में बहुत ज्यादा वृद्धि न होने से अमेरिकी संपत्ति चीन के मुकाबले कम रही उसे दूसरे पायदान पर खिसकना पड़ा।
रिपोर्ट में ये बात भी कही गई है कि दुनिया में सबसे ज्यादा संपत्ति वाले चीन और अमेरिका में धन का बड़ा हिस्सा केवल कुछ अमीर लोगों तक ही सीमित है।
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रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों में केवल दस प्रतिशत आबादी के पास संपत्ति का दो तिहाई हिस्सा है और इनके शेयर लगातार बढ़ रहे हैं। मैकिन्जी की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया का 68 प्रतिशत धन रियल इस्टेट में लगा हुआ है। वहीं, बाकी की संपत्ति में बुनियादी ढांचा, मशीनरी और उपकरण जैसी चीजें शामिल हैं। वैश्विक संपत्ति की गणना में फाइनेंशियल एसेट्स को शामिल नहीं किया गया है।