रेमल चक्रवात के बाद से नागलैंड में भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण राज्य में करीब चार लोगों की मौत हो गई। वहीं, 40 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है। बता दें, चक्रवाती तूफान रविवार रात को पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकराया था। तूफान के कारण बंगाल-बांग्लादेश में सबसे अधिक नुकसान हुआ। वहीं, तूफान के कारण नागालैंड-ओडिशा में भी अलर्ट था।
नागालैंड के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि चक्रवात के कारण भारी बारिश के बाद मेलुरी उपखंड में एक सात साल का बच्चा डूब गया। सोमवार को वोखा जिले के दोयांग बांध में दो लोग डूब गए। इसके अलावा, फेक जिले में दीवार गिरने से एक बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि नागालैंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनएसडीएमए) को राज्य भर से घरों और संपत्तियों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मिली है। रिपोर्ट में मोकोकचुंग जिले का चुचुयिमलांग गांव, तुएनसांग जिले का नोक्सेन उपखंड और जुन्हेबोटो जिले के अवोत्साकिली गांव भीषण रूप से प्रभावित हैं। राहत-बचाव एनडीआरएफ भी मुस्तैद है।
अधिकारी ने बताया कि राज्य के इतिहास में पहली बार खोज अभियान के लिए एनएसडीएमए ने एक अंडरवाटर ड्रोन की मदद भी ली। लगातार बारिश के कारण मंगलवार को फेक जिले के किकरूमा गांव में भूस्खलन भी हुआ।
मौसम विभाग ने अरुणाचल प्रदेश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मुख्यमंत्री पेमा खांडु ने मंगलवार को राज्य के लोगों से सभी एहतियाती कदम उठाने और तूफान से प्रभावित क्षेत्रों से बचने का अनुरोध किया। मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार को कुरुंग कुमेय, निचला सुबनसिरी, शि-योमी, पश्चिम सियांग, लोहित, चांगलांग, तिरप और लोंगडिंग जिले में भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना जताई है।
भारी बारिश के कारण मणिपुर के भी कई इलाके जलमग्न हो गए, इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पूर्वी इंफाल जिले के जलभराव के कारण एंड्रो पार्किंग, चेकॉन, महाबली और वांगखेई में यातायात प्रभावित हुआ। फिलहाल राज्य में किसी के भी हताहत होने या मौत की सूचना नहीं मिली है।
एक अधिकारी ने बताया कि एनएस 37 इंफाल-सिलचर राजमार्ग पर कांगपोकपी जिले के सिनम गांव के पास भूस्खलन के कारण एक ट्रक खाई में गिर गया। सेनापति जिले में कई नदियां उफान पर हैं। बाढ़ का पानी जिले के कई इलाकों में घुस गया।
मिजोरम में भारी बारिश के कारण ढह गई खदान
मिजोरम की राजधानी आइजोल के बाहरी इलाके में भारी बारिश के कारण एक खदान ढह गई। इस हादसे में अबतक 12 लोगों की जान चली गई, जबकि दो लोगों को बचाया गया है। पुलिसकर्मी बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। भारी बारिश के कारण नदियों का स्तर भी बढ़ चुका है। नदी किनारे रहने वाले लोगों को अपने घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है।