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Sunday, April 28, 2024

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पीड़ित बोले- पुलिस से मुआवजा नहीं लेंगे, आदेश अब 19 को आएगा, हाईकोर्ट की अवमानना का भी मामला

अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सरेआम पीटने के मामले में गुजरात पुलिस के कई अधिकारियों पर गाज गिरी है। हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले में आरोप भी तय किए हैं। ताजा घटनाक्रम में पीड़ितों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है। पीड़ितों ने अवमानना के दोषी पाए गए चार पुलिसकर्मियों से आर्थिक मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है। 

पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया है कि पीड़ितों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट में जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस गीता गोपी की खंडपीठ ने कहा, समझौता करने में विफल रहे शिकायतकर्ता मुआवजा लेने से इनकार कर रहे हैं। समझौते का इरादा नहीं दिखता, इसलिए पीठ गुरुवार, 19 अक्टूबर को आदेश सुनाएगी।

अवमानना मामले में कार्रवाई न करने की अपील
जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस गीता गोपी की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों के वकीलों को निर्देश दिया था कि वे शिकायतकर्ताओं से बात करें। दरअसल, पुलिसकर्मियों ने अदालत से आग्रह किया था कि उन्हें अवमानना मामले में दंडित करने के बजाय पीड़ितों को मुआवजा देने की अनुमति दी जाए। आरोपी पुलिसकर्मियों का कहना था कि अवमानना मामले में कार्रवाई का असर उनके करियर पर पड़ेगा।

लंबी बैठक के बाद भी नहीं निकला समाधान
पुलिसकर्मियों के वकील प्रकाश जानी ने अदालत को बताया कि इस मुद्दे पर कुछ शिकायतकर्ताओं और उनके वकील आई एच सैयद के साथ उनकी लंबी और रचनात्मक बैठक हुई। हालांकि, वकील की ओर से सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, शिकायतकर्ताओं ने अपने रिश्तेदारों और समुदाय के सदस्यों से बात की। इसके बाद पीड़ितों ने मुआवजा स्वीकार नहीं करने और “मुद्दों को हल नहीं करने” का फैसला किया है।

एक साल पुराना मामला, मुआवजा लेने से इनकार
बता दें कि खेड़ा के उंधेला गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पोल से बांधकर सरेआम पीटा गया। घटना चार अक्टूबर, 2022 की है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गिरफ्तारी से पहले उचित प्रक्रिया का अनुपालन न करने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। अदालत ने डीके बसु बनाम पश्चिम बंगाल सरकार के बहुचर्चित मामले में पारित आदेश और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने आरोपी पुलिसकर्मियों को अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत दोषी पाया था।

वीडियो वायरल होने पर मामले ने तूल पकड़ा
बता दें कि पिछले साल 4 अक्टूबर को नवरात्रि उत्सव के दौरान, खेड़ा जिले के उंधेला गांव में गरबा कार्यक्रम हुआ था। इसमें मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की भीड़ पर कथित तौर पर पथराव करने के आरोप लगे। कुछ ग्रामीण और पुलिसकर्मी घायल हुए। कथित तौर पर गिरफ्तार किए गए 13 आरोपियों में से तीन को पुलिसकर्मियों ने सार्वजनिक रूप से पीटा। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों के रवैये पर सख्ती दिखाई।

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