आईआईटी खड़गपुर के छात्र फैजान अहमद के हत्या का मामला गहराता जा रहा है। इस मामले में जहां एक बार आत्महत्या की बात कहकर शव को दफना दिया गया था। वहीं छह महीने बाद कब्र से निकाले गए शव की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। कोर्ट की तरफ से नियुक्त किए गए फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ ए. के. गुप्ता ने कहा कि शव की फुटेज की जांच से पता चला है कि कान के नीचे घाव का निशान था। इसका मतलब कि हो सकता है कि छात्र को गोली मारी गई हो या किसी वस्तु से हमला किया गया हो। फोरेंसिक विशेषज्ञ ने अपनी रिपोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट और 2022 से मामले में की जांच कर रही एसआईटी को सौंपा है।
छात्र के शव की फुटेज के मुताबिक, वहां काफी खून और कान के पास जबड़े में घाव का निशान था, जो किसी हथियार के इस्तेमाल को दर्शाता है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि छात्र की मौत के दो दिन बाद उसका सड़ा-गला शव मिला था। फोरेंसिक विशेषज्ञ का कहना है कि वो किसी भी संभावित फैसले के लिए और भी फुटेज देख रहे हैं। लेकिन शव के हालात बताते हैं कि ये सामान्य मौत नहीं थी। या तो छात्र को किसी वस्तु से मारा गया या गोली मारी गई थी। फिलहाल मैं मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रहा हूं।
कोर्ट ने SIT को सहयोग का दिया था निर्देश
मामले में फोरेंसिक विशेषज्ञ ने कहा कि मैं कोर्ट की तरफ से नियुक्त किया गया हूं, तो मैं आगे भविष्य की सुनवाई के लिए अपने विचार को साझा करुंगा। इस मामले में कोर्ट ने एसआईटी को आदेश दिया था कि फोरेंसिक विशेषज्ञ को जिन भी तस्वीर, वीडियो क्लिप की जरूरत पड़े वो उनको उपलब्ध कराई जाएं। दरअसल फोरेंसिक विशेषज्ञ ने अदालत को बताया था कि वारदात के क्रम के बारे में आखिरी फैसले पर पहुंचने के लिए, उन्हें मृतक की गर्दन के दाहिने हिस्से के ऊपरी हिस्से के वीडियो और तस्वीरों को देखने की जरूरत है।
पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हैरान है हाईकोर्ट
बता दें कि कोर्ट ने फोरेंसिक विशेषज्ञ को कहा है कि मामले में अगली सुनवाई से पहले छात्र की मौत के मामले में अपनी अंतिम राय साझा करे। वहीं याचिकाकर्ता सलीम अहमद के वकील अनिरुद्ध मित्रा ने कहा कि मामले की सुनवाई अगले सप्ताह कोर्ट में होने की संभावना है। छात्र को क्रब से निकालने और दूसरी बार पोस्टमार्टम करने का आदेश पर कोलकाता हाईकोर्ट ने कहा था वो इस बात से हैरान है कि पहली बार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्र के सिर के पिछले हिस्से पर चोट के निशान कैसे नहीं मिले थे।
दो साल बाद मां को इंसाफ की उम्मीद
वहीं छात्र फैजान अहमद की मां ने कहा कि उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अदालत की तरफ से नियुक्त फोरेंसिक विशेषज्ञ को कुछ नए तथ्य मिले हैं। उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर हैरानी हो रही है कि आईआईटी खड़गपुर जैसे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में कोई व्यक्ति बंदूक कैसे ले जा सकता है। रेहाना अहमद ने इस बात पर जोर देकर कहा कि उनके बेटे की मौत एक ‘साजिश’ का नतीजा थी। हम हमेशा से कहते आ रहे हैं कि मेरे बेटे की निर्मम हत्या की गई है। और इस मामले को शुरू से ही दबाने की कोशिश की जा रही थी।