सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दाऊदी बोहरा समुदाय की बहिष्कार प्रथा के मामले की याचिका को नौ जजों की बेंच को रेफर कर दिया है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने कहा कि नौ जजों की पीठ सबरीमाला मामले पर फैसला देगी तो वही पीठ दाऊदी बोहरा समुदाय की बहिष्कार प्रथा पर भी फैसला दे। पांच जजों की पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल के अलावा जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी भी शामिल हैं।
याचिका पर सुनवाई के दौरान दाऊदी बोहरा समुदाय के वकील ने अपील की कि नौ जजों की बेंच सबरीमाला मामले पर फैसला देगी, ऐसे में इस मामले को भी नौ जजों की पीठ को रेफर करने की मांग की। बता दें कि नौ जजों की पीठ केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को एंट्री देने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही है। साथ ही पीठ तीन और मामलों पर सुनवाई कर रही है, जिनमें महिला अधिकार और धार्मिक मामलों की प्रैक्टिस के अधिकार पर फैसला होना है।
महाराष्ट्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने भी नौ जजों की पीठ को मामले को भेजने की अपील की। वरिष्ठ वकील फली नरीमन भी याचिका की सुनवाई में एक पक्ष के वकील के तौर पर पेश हुए और उन्होंने भी मामले को नौ जजों की बेंच को भेजने की मांग की। जिसके बाद कोर्ट ने मामले को नौ जजों की पीठ को भेजने का फैसला किया।