पैग़म्बर मोहम्मद साहब पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी पार्टी और सरकार दोनों को काफी भारी पड़ रही है, देश के मुसलमानों में तो गुस्सा है ही मामला अब डिप्लोमैटिक लेवल पर बिगड़ता जा रहा है, जिस तरह से 16 मुस्लिम देश अबतक इस मामले पर अपनी नाराज़गी का इज़हार सीधे भारत सरकार से कर चुके हैं और जिस तरह कुवैत जैसे मुल्कों में भारतीय उत्पादों के बॉयकाट और प्रधानमंत्री मोदी जी के पोस्टरों के साथ अपमानजनक और आपत्तिजनक बर्ताव हो रहा है विशेषज्ञ उसे डिप्लोमैटिक फेल्योर बता रहे हैं. इन सब बातों के मद्देनज़र भाजपा ने अब अपने प्रवक्ताओं को बोलने पहले सोचने की हिदायत जारी की है.
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भाजपा ने पार्टी प्रवक्ताओं को जिस तरह के निर्देश जारी किये हैं वह पार्टी की रीति और नीति से बिलकुल मेल नहीं खाते। यही वजह है कि इन निर्देशों के बाद भाजपा के बड़े वर्ग में काफी नाराज़गी भी है. निर्देशों के मुताबिक पार्टी प्रवक्ताओं से कहा गया है कि अब केवल वही आधिकारिक प्रवक्ता और पैनलिस्ट ही टीवी चैनलों की डिबेट में जाएंगे जिन्हें पार्टी का मीडिया सेल असाइन करेगा.
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दिशा निर्देश में कहा गया है किसी भी धर्म के खिलाफ या धर्म के पूजनीयों और प्रतीकों के बारे में भी उन्हें नहीं बोलना है साथ ही संयमित भाषा का प्रयोग करने और उत्तेजित न होने की सलाह दी है. प्रवक्ताओं को यह निर्देश भी जारी किया कि किसी भी टीवी डिबेट पर जाने से पहले विषय का पता कर उसके बारे में अच्छे से तैयारी करके जांय।
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