अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले असेम्ब्ली इलेक्शन में भाजपा ने चुनावी कमान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रदाहन को सौंपी है. भाजपा ने धर्मेंद्र प्रधान को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त किया है, उनके साथ सात सहप्रभारी बनाए गए हैं जिनमें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, सरोज पांडेय, शोभा करंदलाजे, कैप्टन अभिमन्यु, अन्नपूर्णा देवी और विवेक ठाकुर को भी लगाया है.
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नई चुनावी टीम में जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है. धर्मेंद्र प्रधान समुदाय से आते हैं, यूपी में ब्राह्मण की नाराजगी को दूर करने का जिम्मा अब सरोज पांडेय के कंधों पर होगा. सरोज पांडेय बीजेपी की तेज तर्रार नेता मानी जाती हैं और छत्तीसगढ़ से आती हैं.
भूमिहारों को साधने का काम बिहार के दिग्गज नेता सीपी ठाकुर के बेटे राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर के कंधों पर होगा. यूपी में भूमिहार समुदाय भले ही दो फीसदी हो, लेकिन वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़ और जौनपुर में अच्छी खासी संख्या है.
भूमिहार यूपी में बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता है, उसको अपने साथ बनाये रखने के लिए बीजेपी ने विवेक ठाकुर के जरिए भूमिहारों को एक संदेश दिया है.
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नाराज़ जाट समुदाय को साधने के लिए हरियाणा के पूर्व मंत्री और जाट समाज से आने वाले कैप्टन अभिमन्यु को यूपी चुनाव का सहप्रभारी नियुक्ति किया है.
बीजेपी की नजर उत्तर प्रदेश में सपा के कोर वोटबैंक यादव समुदाय पर है, जिसे साधने के लिए पार्टी ने यादव समुदाय से आने वाली अन्नपूर्णा देवी को यूपी चुनाव में सहप्रभारी नियुक्त किया है.
यूपी की राजनीति में 22 फीसदी दलित मतदाता किसी भी पार्टी का सियासी खेल बनाने और बिगाड़ने की पूरी ताकत रखता है. ऐसे में बीजेपी दलितों के बीच अपना सियासी आधार और भी मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को सहप्रभारी बनाया है, जो खुद भी राजस्थान के दलित समाज से आते हैं.
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राजपूत समुदाय को साधने के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को यूपी का सहप्रभारी बनाया है. अनुराग ठाकुर युवा हैं और अपने समाज में उनकी अच्छी खासी लोकप्रियता है.
इसके अलावा कर्नाटक से आने वाली शोभा करंदलाजे को भी यूपी चुनाव में सहप्रभारी नियुक्त किया गया है, जो आरएसएस से राजनीति में आई हैं. वो हार्डकोर हिंदुत्व की राजनीति करती रही हैं और अब यूपी में उसे सियासी धार देंगी.