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Friday, April 26, 2024

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NDA पर कांग्रेस ने लगाए आरोप, कहा- पांच सालों में 365 फीसदी बढ़ गया NPA मोदी सरकार के पहले

कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के तहत नॉन परफॉर्मिंग एसेट(एनपीए) में खासी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार क्रोनी पूंजीपतियों का कर्ज माफ करके लोगों का पैसा बर्बाद कर रही है। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया कि भाजपा मुद्दों या अपने रिपोर्ट कार्ड पर नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के चेहरे पर चुनाव लड़ती है, और कहा कि उसे अब एनपीए में वृद्धि और ऋण बट्टे खाते में डाले जाने पर सवालों का जवाब देना चाहिए।

गौरतलब है कि मंगलवार यानी आज कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनडीए सरकार भारत का ‘सबसे बड़ा एनपीए’ है। साथ ही यह दावा भी किया कि मोदी सरकार में एनपीए में 365 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस दौरान कांग्रेस ने भाजपा से यह भी सवाल किया कि पीएसयू बैंकों को औने-पौने दामों पर संपत्ति बेचने के लिए बेलगाम अधिकार क्यों दिए जा रहे हैं? साथ ही 38 विलफुल डिफॉल्टर्स को वापस लाने की सरकार की क्या योजना है जो बैंकों को ठगने के बाद विदेश में जाकर मजा कर रहे हैं। 

मल्लिकार्जुन खरगे ने लगाया आरोप
वहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार भारत की सबसे बड़ी एनपीए है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार मध्यम व्यवसायों को नष्ट कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में 10,09,510 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले गए। केवल 1,32,000 करोड़ रुपये की ही वसूली हो सकी है। उन्होंने कहा कि वसूल हुई राशि मात्र 13 फीसदी है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि भाजपा के शासन में एनपीए में 365 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “सरकार छोटे और मध्यम व्यवसायों को नष्ट कर रही है और क्रोनी पूंजीपतियों के लिए लोगों के पैसे बर्बाद कर रही है। 

सुप्रिया श्रीनेत ने मांगा जवाब
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि मोदी सरकार के तहत एनपीए 2008 से 2014 के बीच 5 लाख करोड़ रुपये से 365 प्रतिशत बढ़ गया है और 2014 से 2020 तक बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपये हो गया है। केवल बट्टे खाते से 61 प्रतिशत राजकोषीय घाटे की भरपाई की जा सकती है, लेकिन सरकार इसपर कभी कोई चर्चा नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को नहीं समझती है।  उन्होंने कहा कि इसका लाभ केवल कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को दिया जाना है और कुछ नहीं और इसलिए कोई जवाब नहीं आ रहा है। प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत पृष्ठभूमि पर हर चुनाव लड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में ही सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये को बट्टे खाते में डाल दिया है और उस राशि का केवल 13 प्रतिशत वसूल किया गया है। अगर इसे लेकर सवाल किया जाए कि इतनी बड़ी मात्रा में कर्ज क्यों माफ किया गया है और उस कर्ज का केवल 13 प्रतिशत ही क्यों वसूल किया गया है तो सरकार के नुमांइंदे कहेंगे कि यह कर्जमाफी नहीं बल्कि बट्टे खाते में डालना है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी ईएमआई का भुगतान करने में विफल रहता है, तो उन्हें शर्मिंदा किया जाएगा और किसी भी तरह से उससे वसूली की जाएगी, लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि जिन लोगों ने बड़े पैमाने पर चूक की है, उनका नाम अभी तक नहीं लिया गया है।

इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि एनसीएलटी और आईबीसी ने कॉर्पोरेट कर्जदारों को उनकी देनदारी से मुक्त कर दिया है। बैंक उन्हें क्लीन चिट दे रहे हैं और 70 से 90 प्रतिशत की कटौती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनसीएलटी और आईबीसी के माध्यम से हाल ही में 542 मामलों का समाधान किया गया था और इसमें शामिल ऋण की राशि 8 लाख करोड़ रुपये थी, लेकिन इसमें से केवल 2 लाख करोड़ की वसूली हुई और बाकी पैसा कहां गया? 

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