आप्रवासन ब्यूरो (बीओआई) ने एक हंगरी के नागरिक के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को एक बयान में बताया कि व्यक्ति एक क्रिप्टो-पोंजी फर्म का प्रमुख है, जो कथित तौर पर निवेशकों को उनके पैसे से धोखा देने में शामिल है।
इसमें कहा गया है कि एसटीए टोकन नाम की कंपनी पर पोंजी कारोबार चलाने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अनुमति के बिना देशभर में दो लाख लोगों से करीब 1,000 करोड़ रुपये जमा कराने का आरोप है। बयान में कहा गया है कि कथित घोटाले की जांच कर रही ओडिशा की आर्थिक अपराध शाखा के अनुरोध पर लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है।
कंपनी के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और इनामी चिट और धन परिचालन योजना (पाबंदी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने बताया कि इस घोटाले में दूसरे विदेशी डच नागरिक की संलिप्तता की जांच की जा रही है।
आर्थिक अपराध शाखा ने कहा, एसटीए टोकन के प्रमुख हंगरी के डेविड गेज ने पर्यटक वीजा पर 2022-23 में भारत में दो बार प्रवेश किया था और ओडिशा, गोवा, पंजाब, झारखंड और दिल्ली जैसे विभिन्न स्थानों की यात्रा करते हुए लगभग पच्चीस दिनों तक देश में रहा था। पहली बार उसने अमेरिका और तुर्की के रास्ते भारत की यात्रा की थी और दूसरी बार पोलैंड के रास्ते भारत की यात्रा की थी। उसने ओडिशा में भुवनेश्वर और भद्रक की यात्रा की।
ईओडब्ल्यू ने कहा कि मामला दर्ज होने के बाद गेज ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट कर दिया, लेकिन उसके भारतीय सहयोगी अभी भी उसकी एआई द्वारा बनाई तस्वीर और आवाज का इस्तेमाल करके यूट्यूब वीडियो जारी कर रहे हैं। घोटाले के कुछ शीर्ष खिलाड़ी यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म में प्रचार गतिविधि भी कर रहे हैं और निर्दोष निवेशकों को धोखा देना जारी रखे हुए हैं। उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विदेश मंत्रालय के नियमों के मुताबिक, पर्यटक वीजा वाले लोगों के लिए व्यापार और प्रचार गतिविधि में शामिल होने की अनुमति नहीं है। अधिकारी ने कहा कि ईओडब्ल्यू मामले में कानूनी कार्रवाई के अलावा आवश्यक कार्रवाई के लिए विदेश मंत्रालय को मामले की रिपोर्ट देगा। ईओडब्ल्यू ने इससे पहले एसटीए टोकन के देश और राज्य प्रमुख गुरतेज सिंह सिद्धू और निरोद दास को सात अगस्त को राजस्थान और भद्रक से गिरफ्तार किया था।भुवनेश्वर के एक निवेश सलाहकार और वित्तीय सलाहकार को भी 15 अगस्त को पकड़ा गया था।
कर्नाटक: विधान परिषद के सदस्य नामित किए गए पूर्व मंत्री
पूर्व मंत्री एमआर सीताराम और उमाश्री और पूर्व ईडी अधिकारी एचपी सुधाम दास को कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया गया।