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Friday, May 3, 2024

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यूएस सांसद भारतीय दौरे पर, थानेदार बोले- अमेरिका की सुरक्षा के लिए भारत के साथ संबंध महत्वपूर्ण

चीन के आक्रामक व्यवहार का सामना करने और यूक्रेन संकट के परिणामों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका के बीच एक स्थायी साझेदारी, विशेष रूप से रक्षा और नई प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। भारत के दौरे पर आए अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने रविवार को नई दिल्ली में यह बात कही। थानेदार ने एक साक्षात्कार में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अमेरिकी संसद में आम राय है कि नई दिल्ली के साथ वाशिंगटन के संबंध अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

भारतीय मूल के सांसद थानेदार अमेरिकी सांसदों के द्विदलीय समूह का हिस्सा हैं, जो 15 अगस्त को ऐतिहासिक लाल किले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन सहित कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भारत आए हैं। थानेदार ने कहा कि भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए अमेरिका में दोनों दलों का समर्थन है और यह 23 जून को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के दौरान डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के गर्मजोशी से स्वागत से स्पष्ट हो गया था।

अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा पर सांसद थानेदार ने कहा कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के भारत आने का यह विचार, यह सब तब शुरू हुआ जब मोदी जी अमेरिका आए और मुझे उन्हें संयुक्त सत्र में ले जाने का मौका मिला। संसद में उन्होंने बहुत बढ़िया भाषण दिया। थानेदार ने कहा, पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा बहुत महत्वपूर्ण थी। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच की केमिस्ट्री और दोस्ती ने संकेत दिया कि हम अपने रिश्ते में एक नया अध्याय लिख रहे हैं। उन्होंने कहा,हमारी भारत यात्रा का उद्देश्य उस रिश्ते को दीर्घकालिक मित्रता में बदलना है।

हमें चीन से खतरा दिखता है: थानेदार
उन्होंने कहा, अमेरिकी संसद के सदस्यों को उनका भाषण बहुत पसंद आया और वे भारत के साथ संबंध सुधारने पर काम करना चाहते हैं क्योंकि हमें चीन से बहुत खतरा दिखता है, हम यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद रूस से खतरा देखते हैं। वर्तमान में, दुनिया भर में बहुत अस्थिरता है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी अस्थिरता है। और भारत के साथ मजबूत रिश्ता बहुत महत्वपूर्ण है, इसीलिए हम इस प्रतिनिधिमंडल को भारत लाए हैं। साथ ही, मोदी जी ने हमें विशेष रूप से भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ और भारत के स्वतंत्रता दिवस पर शामिल होने के लिए दिल्ली आने के लिए आमंत्रित किया था

‘भारत के साथ संबंध अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण’
द्विदलीय कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना और कांग्रेसी माइकल वाल्ट्ज कर रहे हैं। दोनों भारत और भारतीय-अमेरिकियों के द्विदलीय कांग्रेसनल कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। थानेदार ने कहा, फिलहाल कांग्रेस में आम राय है कि यूक्रेन युद्ध और चीन की आक्रामकता को देखते हुए भारत के साथ संबंध अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

भारत में लड़ाकू जेट इंजन बनाने के लिए अमेरिकी विमान इंजन निर्माता जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच सौदे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संकेत दिया कि इसे संसद द्वारा समर्थन दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान जीई एयरोस्पेस और एचएएल ने भारत में F-414 इंजन का उत्पादन करने के लिए वाशिंगटन में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। भारत की अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (एचएएलई) ड्रोन खरीदने की योजना को भी अंतिम रूप तब दिया गया जब पीएम मोदी अमेरिका में थे।

‘ड्रोन सौदे और जेट इंजन परियोजना को अमेरिका में अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी’
थानेदार ने कहा, मुझे उम्मीद है कि ड्रोन सौदे और जेट इंजन परियोजना दोनों को अमेरिका में अनुकूल प्रतिक्रिया मिलेगी। उन्होंने कहा कि चीन के आक्रामक व्यवहार और उसकी अनुचित व्यापार नीतियों को देखते हुए अमेरिका भारत को एक मजबूत साझेदार बनने की ओर देख रहा है। उन्होंने कहा, यह सहयोग चीन और रूस को कड़ा संदेश देने में काफी मदद करेगा कि उनकी आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रूस के साथ भारत के मजबूत संबंधों के बारे में पूछे जाने पर थानेदार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत मॉस्को के साथ अपने संबंधों पर दोबारा विचार करेगा।

‘भारत को रूस के साथ अपने संबंधों पर गौर करना चाहिए’
उन्होंने कहा, आगे बढ़ते हुए भारत को यह चुनना होगा कि वह रूस के साथ कितनी दोस्ती और व्यापारिक सहयोग चाहता है और अमेरिका के साथ कितना सहयोग करना चाहता है। उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को ज्यादा महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, अब समय आ गया है और मेरा मानना है कि एक पक्ष चुनना चाहिए। साथ ही यह पता लगाना चाहिए कि कौन सच्चा दोस्त है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत को यह नहीं बता सकता कि उसे क्या करना चाहिए। लेकिन हमें उम्मीद है कि भारत रूस के साथ अपने संबंधों पर गौर करेगा।

‘भारत ने पिछले 75 सालों में जबरदस्त प्रगति की’
अमेरिकी सांसद थानेदार ने कहा, अपने जीवन के 24 साल भारत में गुजारने के बाद भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद होने के नाते यह देखना गर्व का क्षण है कि भारत ने क्या हासिल किया है। अभी हाल ही में यह 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। अब यह पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। इसलिए भारत ने पिछले 75 सालों में जबरदस्त प्रगति की है। और मैं यहां भारत की सफलता का जश्न मनाने के लिए आया हूं… हम इस पल का साझेदार बनना चाहते हैं। अमेरिका भारत के साथ साझेदार बनना चाहता है क्योंकि भारत इस उल्लेखनीय प्रगति को जारी रखे हुए है।

15 अगस्त को राष्ट्रीय उत्सव दिवस घोषित करने के लिए अमेरिकी सदन में पेश किए गए प्रस्ताव पर कही यह बात
15 अगस्त को राष्ट्रीय उत्सव दिवस घोषित करने के लिए अमेरिकी सदन में पेश किए गए प्रस्ताव पर अमेरिकी सांसद थानेदार ने कहा कि यह प्रस्ताव अमेरिकी कांग्रेस में मेरे द्वारा पेश किया गया था और कई अन्य अमेरिकी संसद के सदस्यों ने इसका समर्थन किया था। क्योंकि भारत का अमेरिका में बहुत सम्मान है। अमेरिकी लोग, अमेरिकी सरकार, अमेरिकी संसद के लोग जानते हैं और सराहना करते हैं कि भारत क्या करने में सक्षम है और भारत कैसे प्रौद्योगिकी लेकर आया है और कैसे प्रगति की है। उन्होंने कहा, मैं निश्चित रूप से द्विदलीय समर्थन देखता हूं क्योंकि इससे दोनों देशों को लाभ होगा और इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा और इससे दोनों देशों के लिए नौकरियां पैदा होंगी। इसलिए हम इसे आगे बढ़ते हुए देखने के लिए उत्साहित हैं और हम उस सहयोग का समर्थन करेंगे।

‘अमेरिका को नस्लीय संबंधों के मामले में और अधिक काम करने की जरूरत’
धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की हालिया रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर, जिसमें अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों के लिए भारत की आलोचना की गई है, थानेदार ने कहा कि हर देश के पास मुद्दे हैं। उन्होंने कहा, अमेरिका को नस्लीय संबंधों के मामले में और अधिक काम करने की जरूरत है। हममें से कोई भी परिपूर्ण नहीं है। भारत के अपने मुद्दे हैं, अमेरिका के अपने मुद्दे हैं। लेकिन हम मध्य पूर्व और चीन में जो कुछ भी होते हुए देखते हैं उसकी तुलना में वे बहुत कम हैं।

उन्होंने कहा, जब आप दोस्त होते हैं, तो आप बात करते हैं और बेहतर देश बनने में एक-दूसरे की मदद करते हैं। सांसद ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने इस बात का संकेत दिया है कि आक्रामकता से लड़ने के लिए भारत और अमेरिका को मिलकर काम करने की जरूरत क्यों है।

उन्होंने कहा, भारत को भी चीन की सैन्य आक्रामकता का सामना करना पड़ा है। इसलिए, भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। अमेरिकी कांग्रेसी ने यह भी कहा कि अमेरिका को आव्रजन और एच-1बी वीजा से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।

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