भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान का लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह पर चिह्नित क्षेत्र के अंदर उतरा। सोमनाथ ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, लैंडर चिह्नित स्थान पर सही से उतरा। लैंडिंग स्थल को 4.5 किमी गुणा 2.5 किमी के रूप में चिह्नित किया गया था। मुझे लगता है कि उस स्थान पर और उसके सटीक केंद्र की पहचान उतरने के स्थल के रूप में की गई थी। यह उस बिंदु से 300 मीटर के दायरे में उतरा। इसका मतलब है कि यह लैंडिंग के लिए चिह्नित क्षेत्र के अंदर है।
इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस ‘लैंडर मॉड्यूल’ की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिग कराई। जिससे भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया और पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश बन गया।
भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ। इसरो ने गुरुवार को घोषणा की कि लैंडर से रोवर बाहर निकल गया है। इसरो प्रमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा कि रोवर अब अच्छी तरह काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि रोवर में दो उपकरण और लैंडर पर तीन उपकरण लगे हैं और उन सभी को एक-एक करके रूप से चालू किया गया है। उन्होंने कहा, वे मूल रूप से चंद्रमा की खनिज संरचना, साथ ही चंद्रमा के वातावरण और वहां की भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन करेंगे।
इसरो ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा, “इस वीडियो में बताया गया है कि लैंडर इमेजर कैमरे ने सतह पर उतरने से ठीक पहले चंद्रमा की तस्वीर कैसे खींची।”